सुषमा स्वराज का जीवन परिचय (Sushma Swaraj Biography in Hindi)
सुषमा स्वराज यह नाम इतिहास में जब भी लिया जाएगा आदर से लिया जाएगा, यह पहली महिला है जिसने अपनी जिंदगी में हर वो मुकाम पाया जो एक आम महिला के लिए बहुत मुश्किल होता है. सुषमा स्वराज की मृत्यु हार्ट अटैक की वजह से 6 अगस्त 2019 को दिल्ली के होस्पिटल में हुई. सुषमा स्वराज भारतीय जनता पार्टी की अकेली ऐसी महिला सदस्य थी जिसने पार्टी को एक ऐसा मुकाम दिया, और पार्टी के हर सुख-दुःख में साथ रही. भारतीय जनता पार्टी सुषमा स्वराज के योगदान को कभी भूल नहीं पाएगी. आज हम इनके जीवन की कुछ कड़ीयों आपको बताने वाले है, जैसे – शिक्षा, राजनीति करियर एंव इनकी जिंदगी के अहम पहलु. आइये जानते है सुषमा स्वराज के जीवन के बारें में कुछ बातें –
सुषमा स्वराज का जन्म एंव शिक्षा
सुषमा स्वराज का जन्म ब्राह्मण परिवार में 14 फरवरी 1952 को अंबाला कैंट में हुआ था. सुषमा स्वराज के पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अहम सदस्यों में से एक थे. सुषमा स्वराज की माता का नाम राममूर्ति शर्मा था. सुषमा स्वराज की शुरूआती पढाई हरियाणा में ही हुई एंव उन्होंने यहीं से संस्कृत एंव राजनितिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की, उसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से कानून की पढाई पूरी की. पढाई के दौरान ही उन्हें तीन बार बेस्ट हिंदी स्पीकर का अवार्ड मिला था.
प्रदेश राजनीति में कदम
सुषमा स्वराज इंदिरा गांधी के दूसरी सबसे छोटी उम्र की महिला थी जिसने राजनीति में कदम रखा था उनकी उम्र महज 25 वर्ष थी. साल था 1970 और उन्होंने इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ ABVP के साथ मिलकर अनेक आन्दोलन किये और यहीं से उनका राजनितिक सफर शुरू हुआ, इसी बिच उन्होंने वकालत करना भी शुरू किया और 13 जुलाई 1975 को स्वराज कौशल के साथ शादी कर ली थी. उसके बाद सुषमा का राजनीति करियर शुरू हुआ. और 1987 से 1990 तक वह हरियाणा की शिक्षा मंत्री रही.
राष्ट्रीय राजनीति में रखा कदम
सुषमा स्वराज 1990 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्य बनी और अटल बिहारी के 13 दिन की सरकार में उन्हें सुचना प्रसारण मंत्री बनाया गया था. उसके बाद अक्टूबर 1998 में वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी. उसके बाद 1999 में उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक के बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ी और सिर्फ 7 प्रतिशत वोटों से हार गई. उसके बाद उन्होंने यूपी की तरफ रुख किया और यहाँ से 2000 से 2006 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यरत रही. 2003 से 2004 तक वह स्वास्थ्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया था. 2009 में लाल कृष्ण आडवाणी की जगह विपक्ष की नेता के रूप में बागडौर संभाली.
विदेश मंत्री का सफर
सुषमा स्वराज ने जब राजनीति में कदम रखा तो उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और जब मोदी सरकार यानि की 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो सुषमा स्वराज को विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. यह बहुत बड़ी बागडौर थी जो सुषमा के हाथों में मोदी सरकार ने दी. इतना ही नहीं इस पद को संभालने वाली दूसरी महिला भी बनी, क्योंकि इससे पहले इंदिरा गांधी ही थी जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था. सुषमा स्वराज 2014 से 24 मई 2019 तक विदेश मंत्री रही.
सुषमा स्वराज के अंतिम क्षण
सुषमा स्वराज ने अपने जीवन में सब कुछ पाया और सब कुछ कर भी दिखाया. उन लड़कियों के लिए सुषमा का जीवन प्रेरणादायक है जो कुछ बनना चाहती है और लोगों को दिखाना चाहती है की हर स्त्री अपने आप में ख़ास होती है. खैर 6 अगस्त 2019 को उन्होंने अंतिम सांस ( हार्ट अटैक की वजह से उनकी मृत्यु हो गई ) ली और वो इस दुनिया को अलविदा कह गई.
सुषमा स्वराज का आखिरी ट्वीट
सुषमा स्वराज ने अपने आखिरी ट्वीट 6 अगस्त 2019 को उस वक्त लिखा जब नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 एंव 35A हटाने पर बधाई दे रही थी. उस वक्त उन्होंने लिखा ‘ प्रधानमंत्री जी, आपका हार्दिक अभिनंदन मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. और इसी ट्वीट के 6 घंटे बाद उन्हें हार्ट अटैक आया और उन्हें दिल्ली एम्स हॉस्पिटल में लेजाया गया. वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी.
सुषमा स्वराज के बारें में मुख्य जानकारियां : : |
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नाम – : | सुषमा स्वराज |
जन्म – : | 14 फरवरी 1952 |
राजनैतिक दल – : | भारतीय जनता पार्टी |
शिक्षा – : | 14 फरवरी 1952 |
राजनैतिक दल – : | बीए, LLB |
वैवाहिक स्तिथि – : | विवाहित |
पति का नाम – : | स्वराज कौशल |
बच्चे – : | 1 पुत्री (बांसुरी नंदन ) |
पद – : | विदेश मंत्री ( 2014 – 2019 ) |
मृत्यु – : | 6 अगस्त 2019 ( 67 वर्ष की आयु में ) |
मृत्यु स्थान – : | दिल्ली एमस हॉस्पिटल |