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2 लाइन शायरी – Two Line Shayari

Two Line Shayari

2 लाइन शायरी – Two Line Shayari

—#1—

अब छोड़ दिया है “इश्क़” का “स्कूल” हमने भी
हमसे अब “मोहब्बत” की “फीस” अदा नही होती !

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—#2—

तबाह होकर भी तबाही दिखती नही,
ये इश्क़ है इसकी दवा कहीं बिकती नहीं।

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—#3—

मेरी ख़ुशी के लम्हें इस कद्र छोटे हैं यारों…
गुज़र जाते हैं मेरे मुस्कुराने से पहलें…….✍🏻

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—#4—

हर वक़्त नया चेहरा… हर वक़्त नया वजूद,
आदमी ने आईने को, हैरत में डाल दिया है।

—#5—

ज़िंदगी का हर वो रंग दिलकश लगता है,
जो आपके प्यार में हम’पर चढ़ता है …!!!

—#6—

बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता

—#7—

Ajeeb halaat ho gayi hai dil ki,
Na tu iski hui aur na ye mera raha.

—#8—

लोग तलाशते है कि कोई… फिकरमंद हो,
वरना कौन ठीक होता है यूँ हाल पूछने से।

—#9—

जिसके लफ़्ज़ों में हमे अपना अक्स मिलता है,
बड़े नसीबों से ऐसा कोई शख़्स मिलता है।

—#10—

कौन हूँ मैं…. ऐ जिंदगी तू ही बता,
थक गया हूँ मैं खुद का पता ढूँढते ढूंढ़ते।

Two Line Shayari


—#11—

जो करीब थे वो जाने कब दूर हो गये_
और ! जो दूर थे वो जाने कब करीब हो गये♥

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—#12—

*मोहब्बत के साथ जो शख्स आपकी इज्जत करता है*
*यकीनन आप दुनिया के सबसे* *बेहतरीन शख्स को चाहते हो..!!

—#13—

वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से,
दूर क्या हुए… कलम ने क़हर मचा दिया।

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—#14—

सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा ,
जितना देखेंगे तुम्हे उतना ही प्यार आएगा ..

—#15—

छोड़ दिया हमने तेरे ख्यालों में जीना ,
अब हम लोगों से नहीं , लोग हमसे मोहब्बत करते। ..

—#16—

जो करीब थे वो जाने कब दूर हो गये_
और ! जो दूर थे वो जाने कब करीब हो गये♥

—#17—

कोई पूछेगा तो सुबह का भूला कह देंगे,,
तुम आओ तो सही,हम शाम को सवेरा कह देंगे..

—#18—

होता अगर मुमकिन, तुझे ‪साँस‬ बना कर रखते सीने में !

तू रुक जाये तो मैं नही, मैं ‪‎मर‬ जाऊँ तो तू नही !!

—#19—

सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचुँ !

अभी तक इस सोच में हुँ कि औरक्या सोचुँ !!

—#20—

अपने ही होते है जो दिल पर वार करते है !
गैरों को क्या खबर दिल किस बात पर दुखता है !!

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—#21—

अभी उम्मीद बाकी है कि वो बिछडा हुआ साथी !
किसी भी मोड पर मिल कर हैरान कर देंगा !!

—#22—

कहीं तो लिखता होगा वो दिल की छुपी बाते

कहीं तो किसी पन्ने पर मेरा भी नाम होगा

—#23—

जो मशहूर हुए सिर्फ उन्होंने ही तो मोहब्बत नहीं की…

कुछ लोग चुपचाप भी तो क़त्ल हुए है मोहब्बत के हाथों..

—#24—

*रात को सोते हुए एक बेवज़ह सा ख़याल आया,*

*सुबह उठ न पाऊँ तो क्या उसे ख़बर मिलेगी कभी…. 💕*

—#25—

दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान,
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये।

—#26—

शायर कह कर मुझे बदनाम ना करना दोस्तो,
में तो रोज़ शाम को दिन भर का हिसाब लिखता हूँ।

—#27—

चलो आज अपना हुनर आज़माते हैं,
तुम तीर आजमाओ हम अपना जिगर आज़माते हैं।

—#28—

एहसास करा देती है रूह, जिनकी बातें नहीं होती

इश्क वो भी करते है जिनकी, मुलाकाते नहीं होती

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—#29—

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
सोचता हूँ कि तुझे हाथ लगा कर देखूँ।

—#30—

ये मत सोचना कि तुम्हारे बिना मर जायेंगे हम,
वो लोग भी जी रहे हैं जिन्हें छोड़ा था मैंने तुम्हारी खातिर..

—#31—

नहीं बस्ती किसी और की सूरत अब इन आँखों में,
काश की हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता ..

—#32—

दुनिया मे मोहब्बत आज भी बरकरार है,
क्योंकि एकतरफा प्यार अब भी वफादार है..

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—#33—

ज़ख़्म खरीद लाया हूं बाज़ार-ए-इश्क़ से,
दिल ज़िद कर रहा था मुझे इश्क चाहिए।

—#34—

भीड़ सी हो गई थी… उसके दिल मे,
हुआ कुछ यूं कि मैं फिर निकल आया।

—#35—

मत ढूढ़ना मुझे इस जहाँ की तन्हाई में,
ठण्ड बहुत हैं मैं हूँ अपनी रजाई में.

—#36—

ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे,
जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो, पर रजाई न दे पायेंगे.

—#37—

बड़ी बेवफ़ा हो जाती है , ये घड़ी भी सर्दियों में,
5 मिनट और सोने की सोचो तो, 30 मिनट आगे बढ़ जाती है.

—#38—

युं मेरे साथ दफन दिले बेकरार हो !
छोटा सा एक मजार के अंदर मजार हो!!

—#39—

शायद इश्क अब उतर रहा है सर से,
मुझे अलफ़ाज़ नहीं मिलते शायरी के लिए..

—#40—

ज़ाया ना कर अपने अल्फाज़ हर किसी के लिए,
बस ख़ामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है..

—#41—

ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है, मोहब्बत के लिए,
फिर एक दूसरे से रूठकर वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है।

—#42—

तेज़-रफ़्तार हवाओं को ये एहसास कहाँ,
शाख़ से टूटेगा पत्ता तो किधर जाएगा।

—#43—

पसंद है मुझे.उन लोगों से हारना.जो लोग मेरे

हारने की वजह से पहली बार जीते हों !!

—#44—

नए लोग से आज कुछ तो सीखा है !

पहले अपने जैसा बनाते है फिर अकेला छोड़ देते है !!

—#45—

वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त,
जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं।

—#46—

खेलने दो उन्हे जब तक जी न भर जाए उनका !

मोहब्बत चार दिन कि थी तो शौक कितने दिन का होगा !!

—#47—

जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती हैं,
कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो… मेरे हो।

—#48—

गिरना था जो आपको तो सौ मक़ाम थे,
ये क्या किया कि निगाहों से गिर गए।

—#49—

मोहब्बत का ख़ुमार उतरा तो, ये एहसास हुआ,
जिसे मन्ज़िल समझते थे, वो तो बेमक़सद रास्ता निकला।

—#50—

मैं डूब के उभरा तो बस इतना ही देखा है,
औरों की तरह तू भी किनारे पे खड़ा था..

—#51—

चलो छोडो यार!मुहब्बत के फसाने,
ये बताओ बेवफ़ाई का बाजार कैसा हैं..

—#52—

अंदाज़ कुछ अलग ही है मेरे सोचने का

सब को मंज़िल का शौख है मुझे रास्ते का !!

—#53—

बेवजह तो खामोश नही है जबान ,
कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जो आवाज भी छींन लिया करते हैं ..

—#54—

खुशनसीब हैं बिखरे हुए यह ताश के पत्ते,
बिखरने के बाद उठाने वाला तो कोई है इनको।

—#55—

बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी‬‎ !

और हम उनसे मिलनें की चाहत में भीग जाते हैं !!

—#56—

तेरी दिलजारी का अंदाज भी गजब था,
अपना कभी बनाया नहीं,गैरो का होने ना दिया..

—#57—

अदायें सीख लीं तुमनें,नज़रों से क़त्ल करने की,
मगर तालीम न सीखी,किसी से इश्क़ करने की..

—#58—

अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा,
तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते।

—#59—

भीड़ में खड़ा होना मकसद नही है मेरा, बल्कि

भीड़ जिसके लिए खड़ी है वो बनना है मुझे !!

—#60—

रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा ,
तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे बजूद को तरसेगी..

—#61—

ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं,
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं।

—#62—

हर नजर में मुमकिन नहीं है बे-गुनाह रहना,
वादा ये करें कि खुद की नजर में बेदाग रहें।

—#63—

तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..

—#64—

मत बहा आंसू बेकदरो के लिए,
जो कदर करते हैं बो कभी रोने नहीं देते..

—#65—

तेरे हर झूट सच मान लिया मेने,
कुछ इस तरह प्यार पर ऐतबार कर लिया मेने..

—#66—

ज़माने को बोल देता हूँ भूल गया हूँ उसे,
पर हकीकत तो बस मुझे और मेरे दिल को पता है..

—#67—

उलझे हुए हैं अपनी उलझनों मे आज कल,
आप ये न समझना के अब वो लगाव नहीं रहा।

—#68—

जन्नत से कहो खुद को सजा ले संवार ले
भारत से कुछ नन्हें फरिश्तों की बारात आ रही हे

—#69—

*हाथों की लकीरों में तुम रहो या ना रहो**

**पर मेंरे दिल में तुम जिन्दगी भर रहोगे*

—#70—

मिट्टी का जिस्म ले के चले हो तो सोच लो,
इस रास्ते में एक समंदर भी आएगा।