How to Get Pregnant in Hindi : गर्भधारण के टिप्स (tips to get pregnant in Hindi) के माध्यम से आप इसे विषय से संबंधित सामान्य बातों को समझ सकती ..
माँ बनना एक अनूठा ही सुख है, जिसे लगभग प्रत्येक स्त्री एक बार जरूर अनुभव करना चाहती है। स्वस्थ बच्चों की इच्छा कुछ महिलाओं को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। आज की जीवन शैली को देखते हुए भी महिलाओं की प्रजनन क्षमता को अनुकूलन रखने के लिए, अपने शरीर की बेहतर देखभाल, एक अच्छा पहला कदम है।
हो सकता है कि आप गर्भवती होने के लिए वाकई उत्सुक हों, या हो सकता है कि आप साल के एक निश्चित समय में एक बच्चा होने की उम्मीद कर रही हों परन्तु, बदलती जीवन शैली में गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए विशेष सावधानी बरतने के साथ-साथ कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना भी बहुत आवश्यक है।

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हमने कुछ विशेषज्ञों की राय के अनुसार गर्भधारण की उन्ही कुछ शीर्ष युक्तियों को एकत्र किया है। कृपया उन्ही 10 विशेषज्ञ-स्वीकृत परामर्शों के लिए इस लेख को पढ़ें:
एक पूर्व गर्भाधान जांच कराएं:
इससे पहले कि आप वास्तविक तौर पर कोशिश करना शुरू करें, सबसे पहले अपने चिकित्सक से जन्मपूर्व विटामिन (prenatal vitamin) के बारे में पूछें जो कि फोलिक एसिड (folic acid) होते हैं। फोलिक एसिड कुछ जन्म दोषों, जैसे कि स्पाइना बिफिडा (spina bifida) से बचाव में मदद करता है। फोलिक एसिड गर्भावस्था के प्रारंभिक चरणों के दौरान काम करता है, इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि गर्भवती होने से पहले आपको पर्याप्त फोलिक एसिड मिल रहा है या नहीं।
अपने मासिक-धर्म चक्र को समझें:
आप प्रत्येक मासिक-धर्म चक्र में केवल एक बार अंडाणु उत्सर्जित (ovulate) करती हैं और यही समय गर्भवती होने का सबसे उचित समय होता है। यदि आप यह पता कर सकती हैं कि वो समय कब है, तो आप अपने साथी के साथ उस चक्र में गर्भवती होने की सबसे अच्छी संभावना के लिए संभोग का समय निकाल सकती हैं।
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उचित समय पर सम्भोग (sex) करें:
जब आप ओव्यूलेशन की समय सीमा जानती हैं, तो अपने सबसे उपजाऊ समय के दौरान यौन संबंध बनाने की योजना बनाएं। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि आपकी उपजाऊ अवधि (fertile period) कब होगी, तो अपने चक्र के दूसरे और तीसरे हफ्ते के दौरान हर दिन या हर दूसरे दिन सेक्स कर सकती हैं। जब आपका शरीर अण्डाणु उत्पन्न करता है तब आपके फैलोपियन ट्यूबों द्वारा स्वस्थ शुक्राणु (sperm) ग्रहण करने की संभावना सबसे अधिक होती है।
सेक्स पोजीशन (sex position) की फिक्र न करें:
कई मिथक हैं कि गर्भवती होने के लिए किसी विशेष प्रकार की सेक्स पोजीशन में सम्भोग करना जरूरी है, लेकिन वे सिर्फ मिथक ही हैं। हाँ माना कि ‘मिशनरी पोजीशन’ में सेक्स करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह शुक्राणु को गर्भाशय-ग्रीवा (cervix) के माध्यम से यात्रा में मदद करता है, परन्तु यह सिर्फ गुरुत्वाकर्षण (gravity) का मामला है। चूंकि इससे शुक्राणु सीधा गर्भाशय की ओर जाता है इसलिए ये पोजीशन ज्यादा कारगर साबित होती है।
सेक्स के बाद थोड़ा आराम करें:
सेक्स के बाद थोड़ी देर लेटे रहने से महिलाओं से योनी से शुक्राणु निकलने की संभावना नहीं रहती, इसलिए सेक्स के बाद 15-20 मिनट लेटे रहना ठीक रहता है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार पैरों को कुछ देर ऊपर उठाकर लेटने से भी शुक्राणुओं का प्रवाह अण्डाणु की तरफ तेजी से होता है।
सुनिश्चित करें कि शुक्राणु स्वस्थ हों:
गर्भधारण के लिए शुक्राणुओं का स्वस्थ्य होना भी अति आवश्यक है। अस्वस्थ्य शुक्राणु गर्भधारण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। यदि शुक्राणु अधिक तापमान में उजागर हो जाए तो वह मृत हो सकता है, इसीलिए टेस्टिकल्स (जहां शुक्राणुओं का निर्माण होता है) शरीर के बाहर होता है ताकि वे ठंडे रह सकें। ज्यादा फिट कपड़े पहनने से परहेज करें, बहुत अधिक गर्म पानी से इस अंग को ना धोएं और एक्स-रे लैब में हमेशा सीसे का कोट पहनें!
स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाएं:
कसरत एक स्वस्थ आदत है, खासकर आपका वजन आदर्श स्तिथि में रखने हेतु, परन्तु याद रहे “बहुत ज्यादा व्यायाम आपको ऑव्यूलेट (ovulate) न करने देने का कारण बन सकता है।” बच्चा पैदा करने की संभावना को बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक है कि पति-पत्नी एक स्वस्थ्य जीवनशैली बनाए रखें। खाने-पीने में पौष्टिक भोजन और फलों की पर्याप्त मात्रा रखें। विटामिन का सही सेवन पुरुष व महिला दोनों का, प्रजनन दर बढ़ाता है।
तनाव-मुक्त रहें:
तनाव आपकी प्रजनन-क्रिया में बाधा डालता है। तनाव से कामेक्षा तो समाप्त होती ही है, साथ ही यह अपनी चरम स्थितियों में महिलाओं की मासिक-धर्म प्रक्रिया को भी रोक सकता है। एक शांत मन आपके शरीर पर अच्छे प्रभाव डालता है और आपकी गर्भवती होने की संभावनाएं बढ़ती हैं।
नशा करने से बचें:
ड्रग्स, नशीली दवाओं, सिगरेट या शराब का सेवन पुरुष व महिला, दोनों के हार्मोन का संतुलन बिगाड़ सकता है और आपकी प्रजनन क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इससे बच्चों में जन्मजात विसंगतियाँ होने का खतरा भी हो सकता है।
गर्भधारण में विलम्ब न करें:
महिलाओं में गर्भधारण का उत्तम समय 20-30 साल की उम्र तक होता है। 35 साल की उम्र तक गर्भाधान में लगभग कोई परेशानी उत्पन्न नहीं होती, परन्तु अगर आप इसे और लम्बे समय के लिए टालती हैं तो शायद गर्भधारण में आगे आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़े, इसलिए सही समय पर सही निर्णय लें।