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आत्मनिर्भर भारत पर निबंध | Aatm nirbhar Bharat Essay in Hindi

Aatm nirbhar Bharat Essay in Hindi
Aatm nirbhar Bharat Essay in Hindi

Aatm nirbhar Bharat Essay in Hindi : “आत्मनिर्भर भारत” – भारत के विकास का नया चरण। जहां घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए। आयात को कम करके निर्यात को बढ़ाया जाए। दुनिया के मानचित्र पर भारत की अपनी एक अलग पहचान हो। तकनीकी विकास हो। घर-घर रोजगार हो।

आत्मनिर्भर भारत अभियान “Make In India” को बढावा देता है। सभी आवश्यक वस्तुओं (सुई से लेकर विमान तक) का उत्पादन शुरू करके भारत और भारतीयों को आत्मनिर्भर बनाना है।

कोरोना महामारी के समय अपनाया गया शब्द “वोकल फॉर लोकल” भी आत्मनिर्भर भारत अभियान का अभिन्न अंग है।

स्वयं के हुनर से स्वयं का विकास करना ही आत्मनिर्भरता है। देश के सर्वांगी विकास के लिए खुद के पैरों पर खड़ा होना बहुत जरूरी है।

Aatm nirbhar Bharat Essay in Hindi

Aatm nirbhar Bharat Essay in Hindi


आत्मनिर्भरता के मुख्य पांच स्तंभ

  1. प्रौद्योगिकी
  2. प्रगतिशील अर्थव्यवस्था
  3. आधुनिक अवसंरचना
  4. मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर
  5. मांग और आपूर्ति श्रंखला

“आत्मनिर्भर भारत” योजना भाजपा सरकार की नवीनतम योजनाओं में से एक योजना है। यह योजना COVID-19 के समय भारत में लॉकडाउन के कारण शुरू की गयी थी। यह सबके लिए कठिन समय था। देश की गिरती GDP को संभालने के लिए भारत सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाएं, जिनमें से एक था “आत्मनिर्भर भारत”।

भारत में व्यापार करने को लेकर ‘यूके-इंडिया बिज़नेस काउंसिल’ के वार्षिक सर्वेक्षण के मुताबिक ब्रिटेन की 77 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ व्यापार के नए अवसर खोलेगा।

महामारी के समय दुनिया भर में सभी आयात और निर्यात गतिविधियो को रोक दिया गया था। तब सबने आत्म निर्भरता की कीमत को समझा। अस्पतालों मे बिस्तरों, पीपीई किट, कोविड परीक्षण किट, दवाओं, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, हैंड सैनिटाइज़र और मास्क की कमी से जुझती जिंदगियों ने महसूस कराया कि अब स्वदेशी उत्पादनों और स्थानीय विनिर्माण पर निर्भर होने का समय आ गया है।

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कई आर्थिक राहतों की घोषणा की। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 1 अक्टूबर 2020 से लागू की गई थी जिसकी अवधि 30 जून 2021 को पूरी होनी थी लेकिन अब यह समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी गई है।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार अभियान की कुछ खास बातें।

इस योजना का उद्देश्य 58.5 लाख नए रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

जिससे 21 लाख कर्मचारियों को नए रोजगार मिले है।

16.5 लाख लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को तीन चरणों में बांटा गया है और जिसके तीसरे चरण की शुरुआत हो गई है। इसके तहत 12 नई योजनाओं को लागू किया गया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

मोदी सरकार का भारत के लिए विजन।

1. आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत सरकार एवं रिजर्व बैंक ने 27.1 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है जोकि देश की जी.डी.पी (GDP) की 13% राशि है।

2. हेल्थ, रूरल डेवलपमेंट, वाटर सप्लाई, इरिगेशन, ट्रांसपोर्ट, एजुकेशन एंड अर्बन डेवलपमेंट क्षेत्रों में बढ़ोतरी के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी गई है। जिसके लिए वित्त मंत्रालय ने 27 राज्यों को 9,879 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय प्रदान करने की अनुमति दी है। अब तक 4939.8 करोड़ रुपए सभी राज्यों को पहली किस्त के रूप में दिए भी है।

3. इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के अंतर्गत एमएसएमई यूनिट, बिजनेस एंटरप्राइज, इडिविजुअल लोन तथा मुद्रा लोन लेने वाले व्यक्ति को व्यवसाय के लिए लोन दिया गया।

4. आत्मनिर्भर मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के अंतर्गत अगले 5 साल के लिए दो लाख करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है क्योंकि निर्यात बढ़ाने के लिए घरेलू विनिर्माण को बढ़ाना अनिवार्य है।

5. एग्रीकल्चर सब्सिडी फर्टिलाइजर योजना के अंतर्गत कृषि आय बढ़ाने के लिए 65,000 करोड रुपए फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए दिए जाएंगे जिससे कि देश के 140 मिलियन किसानों को फर्टिलाइजर की कोई कमी ना हो। भारत एक कृषि प्रधान देश है अगर किसानों की आय बढ़ेगी तो देश अपने आप तरक्की करेगा।

6. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना गरीबों के कल्याण के लिए चलाई गई जिससे देश के प्रत्येक नागरिक को रोजगार मिले जिससे गांव की इकॉनमी में वृद्धि होगी और बेरोजगारी की दर कम होगी।

7. बूस्ट फॉर प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट्स योजना के अंतर्गत 811 एक्सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट एलओसी के तहत फाइनेंस किए जा रहे है जिसमें रेलवे, पावर, ट्रांसमिशन रोड, ट्रांसपोर्ट आदि जैसे प्रोजेक्ट शामिल है जो व्यापार के लिए अनुकूल साधन प्रदान करेंगे।

8. कैपिटल एंड इंडस्ट्रियल स्टीमुलस योजना के अंतर्गत कैपिटल तथा इंडस्ट्रियल खर्च के लिए 10,200 करोड रुपए का अतिरिक्त बजट निर्धारित किया गया है। यह सहायता डोमेस्टिक डिफेंस इक्विपमेंट, इंडस्ट्रियल इंसेंटिव, इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी आदि के लिए प्रदान की जाएगी जिससे कि उत्पादन के क्षेत्र में हमारा देश आगे बढ़े।

9. प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी) के अंतर्गत 12,00,000 घर बनाए जाएंगे तथा 18,00,000 घरों को पूरा किया जाएगा। इस योजना से 78 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी मिलेगी।

10. कंस्ट्रक्शन तथा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को सहायता देने के लिए सरकार ने परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को 5-10% से घटाकर 3% कर दिया है जिससे कंस्ट्रक्शन तथा इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियों के पास काम करने के लिए ज्यादा पूंजी होगी।

11. घर बनाने वालों तथा घर खरीदने वालों को कर भुगतान (इनकम टैक्स) में छूट दी गई है। डिफरेंशियल को 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।

12. कोविड-19 वैक्सीन के शोध तथा विकास के लिए डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी को 900 करोड रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

कोरोना महामारी ( कॉविड) – 12 मई 2020 को जब प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी तब उन्होंने यह कहा था कि यह आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनेगा और जिसे आज भारत ने पूरा करके भी दिखाया है। यह पैकेज देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 10% था। कोरोना महामारी का भारत देश में जिस सफलता से सामना किया है वह काबिले तारीफ है। जिसकी सरहाना दूसरे देशों में भी की है। अमेरिका दुनिया की सर्वोच्च ताकत माने जाने वाला देश भी इस लड़ाई में भारत से पीछे रह गया। आज भारत में बनी “को-वैक्सीन” सभी भारतीयों के लिए मुफ्त उपलब्ध है और WHO (World Health Organisation) ने भी इसे कोरोना से बचाव के लिए कारगर बताया है।

भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना नया नहीं है। यह सपना महात्मा गांधी ने भी देखा था और स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था, पर गरीबी और भुखमरी के कारण उनका सपना साकार न हो सका। आज मोदी सरकार इस विषय में अनेक अभूतपूर्व कदम उठा रही है। हमें भी इस सपने को साकार करने के लिए हर संभव योगदान करना चाहिए।