Essay on Malnutrition in Hindi : कुपोषण ( Malnutrition ) यह शब्द अपने तो सुना ही होगा. यह शब्द उन बच्चों (Children) के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिन बच्चों (Children ) को ठीक से खाना नहीं मिल पाता है. जिन बच्चों (Children) को ठीक से खाना नहीं मिल पाता वो बच्चे (Children) बार – बार बीमार पड़ जाते हैं और जल्दी ही थक जाते हैं. साथ ही ऐसे बच्चे (Children) धीमी गति से चीज़ों को समझते भी हैं.

- Top 20+ Motivational framed quotes
ये भी पढ़े ⇓
कुपोषण होना का वक्त
बच्चे (Children) के जन्म से लेकर दो साल की उम्र तक बच्चे के कुपोषण ( Malnutrition ) से ग्रस्त होने की सम्भावना ज्यादा होती है, क्योंकि यह बच्चे के समग्र दीर्घकालिक विकास के लिए बहुत खास समय होता है. कुपोषण ( Malnutrition ) की शुरूआत जन्म से पहले ही हो जाती है, आमतौर पर यह किशारोवस्था में होती है. यह अपरिवर्तनीय लक्षण जो जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर बुरा असर डालता है और इसे रोकने के लिए जल्द से जल्द कुपोषण ( Malnutrition ) को रोकना ज़रूरी है.
- संतुलित आहार पर निबंध
- योग पर निबंध – Essay on Yoga in Hindi
- वायु प्रदूषण पर निबंध – Air Pollution Essay
- विश्व स्वास्थ्य दिवस पर निबंध ! Essay on World Health Day
ये भी पढ़े ⇓
कुपोषण का उदाहरण (Examples of Malnutrition )
जैसे एक मारा हुआ पौधा (Plant) सही देखभाल और पोषण जैसे मिट्टी, पानी (Water) , ताज़ा हवा (Fresh Air) और धूप के बिना हरे-भरे पेड़ में विकसित नहीं हो सकता है. वैसे ही अगर एक बच्चे ( Children) को सही देखभाल और ठीक से पोषण नही मिले तो वह सही रूप से विकसित (Growth) नहीं हो पाता है.
अगर दूसरे उदाहरण (Example) से आप को समझाएं तो जैसे एक बार घड़े बन जाने के बाद जिस तरीके से खराब बने मिट्टी के घड़े को एक बार फिर ठीक नहीं किया जा सकता. उस तरीके से जो बच्चे (Children) अपने जीवन (Life) के शुरूआत में कुपोषण ( Malnutrition ) का शिकार हो जाते हैं, उन्हें फिर पूरी तरह से स्वस्थ (Health) नहीं बनाया जा सकता है.
आइए जाने कुपोषण के लक्षण – Malnutrition Symptoms in Hindi
एक बच्चे को कुपोषण ( Malnutrition ) तब होता है जब शरीर को आवश्यक अनुसार और सही मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं. पोषक की कमी से कई प्रकार की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं. जो लोग फलों और सब्जियों का कम मात्रा में इस्तेमाल करते हैं. वह कुपोषण ( Malnutrition ) का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं. हरी सब्जियां हमारे शरीर के बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं कुपोषण ( Malnutrition ) के क्या—क्या लक्षण होते हैं.
पाचन तंत्र की समस्याएं
आप जो भी खाते हैं उसी से आपके पाचन तंत्र पर ही निर्धारित होता है. अगर आप का कमजोर (Weak) पाचन तंत्र है तो इस से कई प्रकार की समस्याएं होती हैं. जैसे कब्ज, सूजन, दस्त और डायरिया आदि. यह सभी समस्याएं विटामिन बी-11, बी-8, बी-12, सी, डी, ई, के, आयरन, सेलेनियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे स्वस्थ पोषक तत्वों की कमी से संबंधित होती हैं.
त्वचा की समस्या (Skin Problem)
जो लोग कुपोषण ( Malnutrition ) के शिकार होते हैं उन लोगों को त्वचा से होने वाली समस्याओं जैसे मुंहासे, एक्जिमा, बढ़ती उम्र में होने वाले धब्बे आदि परेशानी होती हैं. कई लोग त्वचा (Skin) से जुड़ी समस्या के लिए लाखों रूपये खर्च कर देते हैं. इस समस्या के इलाज पर पैसा खर्च करने के बजाय आप अपने आहार में विटामिन ए (Vitamin A) , बी-3, बी-8, सी, ई, बायोटिन, ओमेगा-3 फैट , कॉपर (Copper ), सेलेनियम और जिंक (ZinC) जैसे पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने की कोशिश करें तो अच्छा होगा.
कमजोर हड्डियां (weak Bones)
बढ़ती उम्र के साथ लोगों को हड्डियां (Bones ) कमजोर हो जाती है और बढ़ती उम्र के साथ अगर आप हड्डियों को मजबूती रखना चाहते हैं तो सही मात्रा में पोषण लेने की जरूरत है. लेकिन अगर आपकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं तो यह विटामिन ए (Vitamin A ) , सी, डी, क्रोमियम, जिंक (Zinc) , मैग्नीशियम और मोलिब्डेनम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी से होता है.
कमजोर और झड़ते बाल
अगर आप को हमेशा रूखे और क्षतिग्रस्त बालों को लेकर शिकायत रहती हैं तो बता दें कि बालों की यह समस्या हमेशा बाह्य परिस्थितियों के कारण नहीं होती है, बल्कि पोषण की कमी बालों के क्षतिग्रस्त होने का प्रमुख कारण भी है. आहार में पोषक तत्व जैसे विटामिन (Vitamin) बी 5, बी 6, बी 12, बायोटिन या क्लोरीन की कमी के कारण बालों से जुड़ी समस्याएं होती हैं.
लगातार ऐंठन
काफी लोगों को मांसपेशियों में जकड़न की वजह से बार- बार ऐंठन की समस्या का सामना करना पड़ता हैं. अचानक ऐंठन की समस्या पोषक तत्वों की कमी के कारण होती हैं. मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों को मांसपेशियों के विकास और समर्थन करने के लिए जाना जाता है. इन पोषक तत्वों की कमी के कारण पैर, पिण्डलियों और पैरों के के पीछे असहज ऐंठन हो सकती हैं. इस समस्या से बचने के लिए आप को सही से खाना खाने की जरूरत है.
नाखूनों की समस्या
आप ने अक्सर देखा होगा कि आप के नाखून (Nails) अपने आप ही टूट जाते हैं और यह समस्या मैग्नीशियम की कमी से होती हैं. नाखूनों (Nails ) की जुड़ी समस्याएं जैसे सफेद धब्बे, लकीरें, मुलायम और भंगुर नाखून (Nail) आदि जिंक (Zinc) , मैग्नीशियम, सामान्य खनिज की कमी से होती हैं. नाखून (Nails) में होने वाली सभी समस्याएं पोषक तत्वों की कमी से होती हैं. इसलिए जब भी आप को लगे कि आप के नाखून (Nails) अपने आप टूट रहे हैं तो आप ठीक से भोजन करना शुरू करें.
आंखों से जुड़ी समस्याएं
आज के वक्त में कम उम्र में ही बच्चों को चश्मा लग जाता है और यह एक आम बात बन गई है. बता दें, यह पोषक तत्वों की कमी की वजह से होता है. साथ ही आंखों (Eyes) की समस्याएं (Problems ) जैसे आंखों (Eyes) का कमजोर, आंखों में सूजन आदि क्रोमियम, जिंक (Zinc) , विटामिन बी-6, बी-12 और आवश्यक फैटी एसिड की कमी से होता है.