Air Pollution Essay in Hindi वायु (Air) यानि हवा इस धरती पर जीवित प्राणियों के लिए एक जरूरी चीज हैं. ऐसे में हम अपनी देश की वायु को हद से भी ज्यादा प्रदूषित (Pollution) कर चुके हैं और जो हवा (Air) हमारे लिए जरूरी है वो ही हमारे जीवन (Life) के लिए खतरा बन चुकी है. दिल्ली (Delhi) समेत देशभर का वायु प्रदूषण (Air Pollution) आसमान छू चुका है. क्यों हो रही है हवा दिन – ब – दिन इतनी प्रदूषित (Polluted) . क्या है इस के पीछे के कारण. कैसे बच सकते हैं इन समस्या से. आज हम आप को देंगे इन सभी सवालों के जवाब.

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वायु प्रदुषण के कारण | Causes of Air Pollution
प्राकृतिक स्रोतों से उत्पन्न हवा को प्रदूषित करने वाले प्रदूषक निम्नानुसार हैं –
बढ़ती हुई जनसँख्या Increasing Population
यह बात तो आप जानते ही हैं कि आज के वक्त में हमारे देश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और बढ़ती हुई जनसँख्या (Population) की वजह से लोगों ने प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध तरीके से इस्तेमाल किया है. शहरों की स्थिति गांव से भी बदतर होती जारी है और इस स्थति का एक कारण है. इन शहरों की दिन – प्रतिदिन बढ़ती जा रही जनसंख्या. इसी की वजह से शहरों और नगरों में आवास समस्या भी शुरू हो चुकी है. आवास की समस्या से परेशान लोगों ने बेतरतीब बस्तियों का निर्माण किया जिससे वहाँ पर जल – निकासी, नालियों आदि की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है. इन्हीं गन्दी बस्तियों ने आगे चलकर वायु प्रदूषण (Air Pollution ) को बढ़ावा दिया है.
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बढ़ते हुए उद्योग Increasing industrialization
उद्योगों (Industries ) से निकलने वाला धुआँ और कृषि में रासायनों के ज्यादा इस्तेमाल से भी वायु प्रदूषण (Air Pollution ) बढ़ता जा रहा है. साथ ही इन ही कारखानों में भयंकर दुर्घटनाएं भी होती है. जिससे वायु प्रदूषण (Air Pollution ) का स्तर और बढ़ जाता है.
संचार के साधन
जैसे – जैसे आबादी बढ़ रही है वैसे – वैसे संचार के अलग – अलग साधन भी बढ़ रहे हैं. इन संचार साधनों में हो रही वृद्धि से इंजनों, बसों, वायुयानों, स्कूटरों आदि की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है. यह सभी वाहन (Vehicles) अपने धुएं से वायुमण्डल में लगातार असन्तुलन पैदा करने का काम कर रहे हैं.
स्वास्थ्य प्रभाव
कई मेडिकल (Medical) विशेषज्ञों का माना है कि खराब वायु गुणवत्ता (Air Quality ) से आंखों (Eyes ) में कई समस्याएं भी होती है. एम्स (AIIMS ) के Ophthalmologist बताते हैं कि नाक और मुंह की तरह आंखों को ढकना काफी मुश्किल है. इससे फेफड़ों की तरह ही आंखों पर भी वायू प्रदूषण (Air Pollution ) का बुरा असर पड़ता है. आंख की Ocular सतह सीधे प्रदूषण के संपर्क में आती है. इसलिए ocular सतह को वायु प्रदूषण (Air Pollution ) से सबसे जयादा नुकसान होता है.
दरअसल, वायु प्रदूषण (Air Pollution ) के संपर्क से आंखों के पानी की गुणवत्ता खराब हो जाती है और इससे आंखों (Eyes) में खुजली, परेशानी (Problems) और लाल होने की समस्याएं होने लगती है. यह जोखिम उन लोगों के लिए और बढ़ जाता है जो लोग कांटैक्ट लेंस पहनते हैं, क्योंकि उनकी आंखें पहले से ही ड्राई होती है.
वायु प्रदूषण की वजह से न सिर्फ हमारे फेफड़े और दिल को नुकसान पहुंचता है बल्कि हाल ही में हुई एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि हवा में मौजूद प्रदूषण की वजह से हमारा मस्तिष्क भी प्रभावित होता है।
पक्षियों पर प्रदूषण का असर
प्रदूषण का बुरा असर हम पर ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों पर भी पड़ता है. आज के वक्त में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर इतना खराब हो गया है कि इस वजह से लोकल पक्षी भी इन दिनों कम ही नजर आ रहे हैं और वह बीमार भी हो रहे हैं. दिल्ली के दिगंबर जैन चेरिटेबल पक्षी अस्पताल से जानकारी मिली है कि प्रदूषण (Pollution) की वजह से कई पक्षी बीमार हो रहे हैं और रोजाना 40 से 70 पक्षी अस्पताल लाए जा रहे हैं. दरअसल, इन पक्षियों को प्रदूषण (Pollution) की वजह से सांस लेने में परेशानी हो रही है और उड़ान की क्षमता भी कम हो रही है. दरअसल, प्रदूषण (Pollution) की वजह से पक्षियों के पंख प्रभावित होते हैं और वह उड़ने में असहज महसूस करते हैं.
वायु प्रदूषण बाहर से ज्यादा घर के अन्दर
सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के विशेषज्ञ बताते हैं कि अक्सर लोग सोचते हैं कि घर के बाहर ज्यादा प्रदूषण (Pollution) का इसलिए जब भी वह घर से बाहर निकलते हैं तो मास्क पहनकर निकलते हैं और लोग प्रदूषण (Pollution) से बचने के लिए अपने घरों की खिड़कियां और दरवाजें बंद कर लेते हैं. जबकि घर के अंदर वह सूखी झाडू लगाते हैं. अगरबत्ती और धूप बत्ती जलाते हैं. मच्छर मारने की टिक्किया हैं. इन सबकी वजह से घर के अंदर पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ती चली जाती है और फिर जितनी बार घर में खाना बनता है उतना ही पीएम 2.5 के स्तर में इजाफा होता है.
वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय
- जगंल (Forest) लगातार खत्म हो रहे हैं, लगातार उनकी कटाई की जा रही है. जिससे रोकने की जरूरत है.
- शहरी इलाकों में कारखाने बढ़ गए हैं इसलिए इन कारखानों को शहरी क्षेत्र से दूर स्थापित करने की जरूरत है.
- जनसंख्या शिक्षा की उचित व्यवस्था की जाए ताकि जनसंख्या में हो रही वृद्धि को रोका जा सके.
- वाहनों के ईंधन से निकलने वाले धुएँ को ऐसे समायोजित करना होगा जिससे की कम से कम धुआँ बाहर निकले.
- वायु प्रदूषण का एक और कारण है वो है, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में पराली का जलाना.
प्रदूषण से कम हो रहे है दस साल
प्रदूषण (Pollution) के बढ़ने से सिर्फ बीमारी ही नहीं हो रही है बल्कि एक स्टडी में हैरान करने वाली बात सामने आई है. यह प्रदूषण आप के लिए ही मौत की वजह बनाता जा रहा है. हाल ही में एक स्टडी हुई जिसमें यह बात सामने आई है कि दिल्ली की प्रदूषित वायु लोगों के जीवन से 10 साल कम कर रही है. आज के वक्त तें भारत दुनियाभर के सबसे ज्यादा प्रदूषित देशों की लिस्ट में दूसरे पायदान पर आया है. प्रदूषण से जीवन पर असर एक बार धूम्रपान करने, शराब पीने, ड्रग्स लेने, तीन गुना ज्यादा गंदा पानी इस्तेमाल करने, एचआईवी – एड्स के पांच गुना इनफ़ेक्शन और आतंकवाद या संघर्ष से 25 गुना अधिक प्रभाव के बराबर हो सकता है.