essay

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर निबंध – Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi

Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi
Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi

Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi : नारी को हमारे शास्त्रों में देवी का स्वरुप माना जाना है. शास्त्रों के अनुसार जिस देश में, जिस घर में नारी का अपमान होता है वहां पर देवता निवास नही करते और वो देश और वो घर कभी भी प्रगति नही कर सकता. ये बाते तो सही है लेकिन इसको अमल में कोई नही लाता. ये सिर्फ एक किताबी ज्ञान बनके रह गया है.

आज हमारा देश आधुनिक देश बन गया है लेकिन आज भी कई लोगो की सोच पुराने जमाने की ही है. इतना आधुनिक होने के बाद भी लडकियो पर कई तरह के अत्याचार होते है, उनके सपनो को महत्व नही दिया जाता और न ही उन्हें लडको जितनी आजादी जी जाती है. यहाँ तक कि कई लोग लडकियों को जन्म ही नही लेते उसे माँ की कोख में ही मार देते है.

इसी सोच को बदलने के लिए और नारियो की सुरक्षा और उन्नति के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की जरुरत है.

Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi

Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi


बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की आवश्यकता क्या है?

भारत देश में पुरुषो और महिलाओं की अगर जनगणना की जाए तो पुरुष की संख्या महिलाओ से कई ज्यादा है. अंतर तो है साथ ही वो रोज में कई तरह की प्रताड़ना और अत्याचारों का भी शिकार होती है. इस अंतर को भरने के लिए और बेटियों और नारियो को अत्याचार और घिनोने अपराधो का शिकार होने से बचाने के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की अत्यंत आवश्यकता है. हर दिन अख़बार में उनके साथ हो रहे अपराधो के बारे में छपा होता है जैसे दहेज़ के लिए बहु की हत्या, कन्या भ्रूण हत्या, रेप, घर पर महिला पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार. इस सब को रोकने के लिए और नारी के अच्छे भविष्य के लिए भारत सरकार ने कई योजनाए चलाई जिसमे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना सर्वोपरी और महत्वपूर्ण है.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरवात कब हुई

इस योजना का शीर्षक ही अपने आप में सम्पूर्ण है. इस अभियान के शीर्षक का अर्थ है कन्या भ्रूण हत्या को रोको और उसे पढ़ाकर शिक्षित बनाओ. इस योजना की शुरवात 22 जनवरी 2015 को हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के करकमलो द्वारा की गई. उन्होंने इस योजना की घोषणा बालिका दिवस के दिन की.

इस योजना की शुरुवात के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए की बजट घोषणा की. बालिका दिवस पर जब उन्होंने इस योजना की शुरुवात की तब उन्हें बहुत अच्छी बात कही ““हम भारतीयों को घर में कन्या की जन्म को एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए| हमें अपने बच्चियों पर गर्व करना चाहिए|”

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य

  1. बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
  2. कन्या भ्रूण को रोकना
  3. उनको हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का बराबर मौका देना
  4. बालिकाओ को शिक्षित करना
  5. लिंग अनुपात में समानता लाना
  6. महिलाओ पर हो रहे अन्याय और अत्याचार को रोकना
  7. महिलाओ के विवाह के लिए उन्हें आर्थिक सहायता देना
  8. लडको के सामान उनको भी समानाधिकार देना
  9. महिलाओ को शशक्त बनाना

उपसंहार

इस योजना की शुरवात बड़े ही जोश के साथ हुई, शुरवात में थोड़ी सफलता भी मिली और लोगो ने इस योजना का समर्थन किया लेकिन इस अभियान को जितना सफल होना चाहिए था उतना नही हुआ. आज भी कन्या भ्रूण हत्याएं हो रही है. पहले खुलकर होती थी और अब छुपकर. विज्ञान ने कई मशीने बनाई जैसे सोनो ग्राफी मशीन. इस मशीन को बच्चे की सेहत पर नजर रखने के लिए बनाया गया लेकिन इसका गलत प्रयोग करके आज भी कई लोग बालक या बालिका है ये पता करके उसकी कोख में ही हत्या करवा देते है.

इस योजना को सफल बनाना है तो लोगो को जागरूक करना बेहद जरूरी है. उन्हें लडको के समान सम्मान और मौके देने होंगे. बेटियों को मौका देकर तो देखो बेटो से कई ज्यादा उन्नति करने दिखाएंगी. आज हर क्षेत्र में चाहे वो राजनीति हो, फ़िल्मी जगत हो, व्यापार हो, बड़ी बड़ी कंपनियों में उनकी पोजीशन हो, महिलाओ ने हर जगह अपना वर्चस्व स्थापित किया है और ये साबित किया है वो किसी से कम नही हैं.