Essay on Cyber Crime in Hindi – यह बात आप सभी जानते हैं कि इंटरनेट (Internet) एक ऐसा माध्यम (Medium) है, जिसके द्वारा लोग और दूसरी कंपनियां दुनिया के एक छोर से दूसरे छोर तक इंटरनेट (Internet) के माध्यम से जुड़ जाती है. आज के युग हर व्यक्ति इंटरनेट पर निर्भर करता है. इंटरनेट हमें हर चीज़ आसानी से उपलब्ध करवा देता है.

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वहीं आज के दौर में जिस तेजी से इंटरनेट (Internet) का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है और जिस तेजी से इंटरनेट मेरी जिन्दगी में पहुंच चुका है वैसे ही आज कल के चोरी बढ़ती जा रही है. पहले घर-घर चोरी हुआ करती थी लेकिन अब इंटरनेट (Internet) से चोरी हो रही है. इंटरनेट के माध्यम से कोई अपराध करने को साइबर क्राइम (Cyber Crime) कहते हैं. आज हम साइबर क्राइम के बारे में विस्तार से जानेगें और समझेगें की कैसे इन अपराधों से आप बच सकते हैं, खुद को सुरक्षता कर सकते हैं.
साइबर क्राइम क्या है – (What is Cyber crime)?
ज्यादातर साइबर क्राइम पैसों के लिए ही किए जाते हैं लेकिन कुछ लोगों किसी का डेटा (Data) चोरी करने, दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने और किसी व्यक्ति का नेटवर्क (Network) या फिर कम्प्यूटर (Computer) को तबाह करने के लिए भी किया जाता है.
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वहीं यूएस के न्यायालय ने साइबर क्राइम (Cyber Crime) को तीन भागों में बांटा दिया है. पहला जिसमें कम्प्यूटर (Computer) उपकरण उसका निशाना है, जैसे दूसरे के नेटवर्क को काबू में करना. दूसरा कम्प्यूटर को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना, जैसे डेनियल ऑफ सर्विस अटैक, तीसरा और आखिरी कम्प्यूटर (Computer) को अपराध के लिए एक सहायक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कम्प्यूटर के इस्तेमाल से अवैध डाटा (Data) को लेना य फिर चोरी करना.
यूएस के न्यायालय का मानना है कि साइबर क्राइम (Cyber Crime) एक तरह की खतरनाक मालेसियस गतिविधि है मतलब कि वाइरस (Virus) से फैलने वाली साजिश है. जिसमें कई अवैध तरीके से डाटा लिया जाता है और फिर दूसरों के सिस्टमों (Systems) में घुसा जाता है, ऐसा करके कॉपीराइट (Copyright) वाली चीजों को बहुत नुकसान पहुंचाया जाता है. बाकी कई तरह के साइबर क्राइम (Cyber Crime) में जुआ, अवैध वस्तुओं को बेचना जैसे हथियार, ड्रग्स आदि और बच्चों की पॉर्न डालना यह सभी एक तरह के साइबर क्राइम हैं.
कैसे होता है साइबर क्राइम (Cyber Crime) ?
साइबर क्राइम करना अपराधी के लिए आसान होता है, क्योंकि साइब क्राइम में अपराधी को खुद उस जगह पर होने की जरूरत नहीं होती है वो इंटरनेट (Internet) की मदद से अपराध कर सकता है. दरअसल, आज के वक्त में इंटरनेट की गति (Speed), सुविधा और आसानी से कनैक्शन (Connection) मिल जाता है, जिसका फायदा अपराधी को हो रहा है. इसलिए साइबर क्राइम में फ़्रौड मनी, लौंडेरिंग आदि जैसे अपराध बढ़ रहे हैं.
वहीं नेशनल क्राईम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (National Crime Record Bureau) की एक रिपोर्ट यह बताती है कि साइबर क्राइम की दर साल 2011 में 85% तक बढ़ी है और यह आंकड़ा देश के अलग- अलग राज्यों से इकट्ठा किया गया है. इस रिपोर्ट में एक बात और सामने आई है कि साइबर अपराध में गिरफ्तार हुए ज्यादातर अपराधियों की आयु 18 से 30 वर्ष पाई गई. इस रिपोर्ट से यह बात साफ हो रही है कि हमारा युवा साइबर क्राइम (Cyber Crime) की तरफ बढ़ रहा है जो हमारे देश के सही नहीं है.
कितने प्रकार के होते हैं साइबर क्राइम (Cyber Crime) ?
साइबर क्राइम क्या होता है और अपराधी इस क्राइम को कैसे व कितनी आसानी से इसे अनजाम देते हैं, यह बात तो आप सभी जान ही गए. अब हम जानेगें कि साइबर क्राइम (Cyber Crime) कितने प्रकार के होते हैं.
हैकिंग (Hacking)
हैंकिग एक ऐसा अपराध है जिसमें कंप्यूटर के मालिक की अनुमति के बिना कंप्यूटर का किसी भी प्रकार से गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. हैंकिग करके अपराधी अपने कंप्यूटर से निजी जानकारी चोरी कर सकते हैं या फिर आप के कंप्यूटर का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.
वेब हाईजैकिंग (Website hijacking)
वेब हाईजैकिंग (Hijacking) एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति की वेबसाइट (Website) पर अवैध रूप से सशक्त नियंत्रण कर लिया जाता है. इस अपराध से वेबसाइट का मालिक अपना नियंत्रण खो देता है. वेब हाईजैकिंग के कई मामले सामने आते रहते हैं. कई बार आंतकवादी सरकार की वेबसाइट हैक करके अपना मैसेज सरकार तक पहुंचाते हैं.
साइबर स्टॉकिंग (cyber stocking)
साइबर स्टॉकिंग (Cyber Stocking) एक ऐसा अपराध है, जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को बार-बार उत्पीड़न का शिकार बनाया जाता है. पीड़ित का पीछा करके, तंग करके, बार –बार कॉल करके परेशान करना, संपत्ति के साथ छेड़छाड़ करना.
स्टॉकिंग से स्टौकर यानि अपराधी पीड़ित को मानसिक एवं शारीरिक रूप से हानि पहुंचाता है. अपराधी पीड़ित की सारी जानकारी अवैध रूप से इकट्ठा करके और इंटरनेट (Internet) पर उनकी गलत छवि दिखाकर पीड़ित को पहुंचाने की कोशिश करता है.
सर्विस अटैक (service attack)
सर्विस अटैक (service attack) एक ऐसा अपराध है. ऐसा हमला है जिसमें पीड़ित के नेटवर्क या ई-मेल (E-mail) को बेकार संदेशों से भर दिया जाता है. यह सब इसलिए किया जाता है ताकि पीड़ित को जानबूझकर तंग किया जा सके या पीड़ित अपना ईमेल इस्तेमाल ना कर पाए.
कैसे बचें और रोके साइबर क्राइम से?
हमें यह जानना जरूरी है कि साइबर क्राइम से कैसे बचें. क्यों अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आप भी कभी न कभी साइबर क्राइम के शिकार हो सकते हैं.
अगर आप कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो आप को हैकर्स से अपने कंप्यूटर को बचाने के लिए एक फ़ायरवॉल का इस्तेमाल करना चाहिए.
आप के कंप्यूटर में वायरस न आए इसलिए आपको एंटी वायरस सॉफ्टवेयर जैसे McAfee या Norton का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर एक बार आप के कंप्यूटर में वाइरस घुस गया तो आप के डाटा को पूरी तरह खराब कर सकता है.
वहीं साइबर विशेषज्ञों लोगों को सलाह देते हैं कि यूजर्स को सिर्फ सुरक्षित वेबसाइट्स पर ही खरीदारी करनी चाहिए ताकि जब अपनी बैंक की जानकारी या फिर क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालें तो आप को चोरी होने का डर न रहे.
अगर आप के बच्चों बहुत छोटे हैं और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आप को उनपर नजर रखने की जरूरत है. साथ ही बच्चों का इस्तेमाल कम से कम करने दें.