आज हम आपको एक ऐसी कहानी से रूबरू कराने जा रहा हु जो की सत्य है लेकिन हम उसको मानने के लिए तैयार नहीं है और वो टॉपिक है “ज़िन्दगी से भाग कर कहा जाओगे “.ये एक ऐसी सच्चाई है जिसे कोई नहीं टाल सकता , ये जानते हुए की हमे क्या करना है फिर भी हम उसे इग्नोर करना चाहते है क्यों और क्यों हम उस काम से छुटकारा पाना चाहते है जो की हमारी ज़िन्दगी का एक हिस्सा है जिसको हमे हर हाल में पूरा करना होता है चाहे हमे कितनी भी कठिनाई क्यों न झेलनी पड़े हमे उसे पूरा करना ही होता है तो फिर क्यों हम उसे अपनी ज़िन्दगी के हिसे से अलग रखना चाहते है जो सच है , और ये बात मै सिर्फ अपने से नहीं बल्कि बल्कि हर उस इंसान से पूछना चाहता हु की आखिर क्यों हम सचाई से मुँह मोड़ना चाहते है |
अब ज़िन्दगी से कोई मुँह तो मोड़ नहीं सकता चाहे वो कितनी कठिन ही क्यूं न हो हमे उसे हर हाल में सामना करना ही पड़ता है चाहे वो बचपन कि बात हो या फिर बुढ़ापे कि या फिर आप किसी भी फील्ड से हो सकते है आप स्टूडेंट्स हो सकते है , आप प्रोफेशन में हो सकते है या फिर आपका खुद का बिज़नेस हो सकता है लेकिन ये रियलिटी है कि भाग कर कहा जाओगे खुद से निदा फाजली जी ने कहा था कि ढूंढ लो नक़्शे में कोई और सहर इस सहर में तो सबसे मुलाक़ात हो गई |
आज हम बचपन कि कुछ बाते कुछ यादे ताजा करते है और ऐसा होता भी है जब बच्चा अपने शुरुआती दौर में होता है १२ , १३ और १५ के बीच होता है तो हमेशा कहता है कि मै अपने पापा जैसा दीखता हु और जैसे ही हम १८ ,२० या फिर २२ साल के होते है तब कहते है कि मै बिलकुल अपने कि तरह नहीं दीखता हु मेरी अपनी एक अलग सोच है मै अपने तरीके से जीता हु पर जैसे ही हम २५ ,२८ या फिर ३० के होते है तो कहते कि मै दुनिया वालो मुझमे कुछ कम सा होता चला जा रहा हु मेरे पिता मेरे में कुछ ज्यादा ही आते चले जा रहे है काश ये बात हमे स्टार्टिंग में समझ आ जाती क्यूंकि किसी ने कहा है कि आदमी होना किसी माँ के पेट से निकलने के बराबर होता है लेकिन इंसान बनने के लिए बड़ी लम्बी दुरी तय करनी पड़ती है तो इसीलिए उन्होंने कहा था कि ढूंढ लो नक़्शे में वो सहर इस सहर में तो सबसे मुलाक़ात हो गई |
हर जीवन में उथल पुथल है और ये मै किसी और का नहीं बल्कि अपना ही एक्सपीरियंस बता रहा हु | हमने कहावतों के मतलब ही बदल दिए और मै sure हु कि आप सब जानते है कि अगर hushband और वाइफ में झगडे होने लगते है जोकि सबके साथ होता है तो हम इसी को प्यार का नाम दे देते है | आज हर कोई अपने काम में बिजी है जो कि बहुत अच्छी बात है इंसान को होना भी चाहिए लेकिन इस वजह से हम अपने रिलेटिव से नहीं मिल पाते है सालो बित जाते है तो हमने इसी को रिश्तेदारी का नाम दे देते है तो मान्यताये बढ़ती जाती है और हम उसको एक्सेप्ट भी कर लेते है और एक तरफ वो मोबाइल का वो पैटर्न लॉक कही न कही हमे प्रोटेक्शन देता है तो कही न कही अपनों से दूर लेके जाता है उनके मन में संका पैदा करता है कि हमारे सामने ही लॉक लगाता है तो ये ताले कि भी निशानी है तो पहले ताले ने इसका रोले निभाया और अब ये मोबाइल का पैटर्न कही न कही ताले का रोल निभा रहा है तो दौर बदलते है !
मेरे दोस्त इसे हमे मानना ही पड़ेगा क्युकी इसके साथ ही हमे आगे बढ़ना है भागना नहीं है हमे किसी से कि ये रख लू ये पा लू इससे आमिर हो जाऊ ये वाला काम कर लू ये नहीं ये वाला इससे से बेटर है जिस प्रोफेशन में है जिस कोर्स में है आप वो ही आपके लिए बेटर है तो मेरा ऐसा मानना है कि ज़िंदगी बड़ी अजीब होती है कभी आपको हरा देगी तो कभी आपको जीत का रास्ता दिलाएगी तमन्नाः रखो हमेशा समुन्दर कि गहराइयों में डूबने का किनारो में तो बस ज़िन्दगी कि शुरुआत होती है |
और ये बात सच है कि हमे ज़िन्दगी में कुछ मान के चलना होता है कि हम जो कर रहे है वो ठीक है हमे खुद pe confidence होना चाहिए और कोई भी काम confidence के साथ ही करना चाहिए और उस काम को निरन्तर करते रहिये अरे कुछ नहीं तो कुछ तो होगा और किसी ने कहा है कि असमंजश छोड़ मुसाफिर या तो कुछ मिलेगा या फिर कुछ सिखने को मिलेगा और ये १८, २० अपने दिमाग से निकाल दीजिये मै कहना चाहूंगा कि ज़िंदगी कि उलझनों ने हमारी शरारतो को कम कर दिया और लोग समझते है कि हम समझदार हो गए तो मत बनिए समझदार १३ से १५ के बीच में ही रहिये और जो कर रहे है उसे मन से करिये बिना कुछ सोचे बिना कुछ समझे और एक बात याद रखिये कि कोई इतना आमिर नहीं होता कि अपना बिता हुआ कल खरीद सके और कोई इतना गरीब भी नहीं होता जो आने वाला कल बदल सके
तो डरिये मत आगे बढिये जो होगा वो देखा जायेगा , तो हरेक चीज का एक मोल है जब तक डोज नहीं तब तक खरीद नहीं पाओगे |
तो ये थी कुछ बाते जो मै आपके साथ शेयर करना चाहता था तो दोस्तों ज़िन्दगी में अगर कुछ पाना है तो कुछ खोना सीखो आगे बढ़ना है तो पीछे हटना भी सीखो |