Independence Day Shayari : -सबसे पहले आप सभी दोस्तों को Happy Independence Day , दोस्तों जैसा की हम जानते है, सन 1947 में 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। इसलिए पूरे देश में हर साल 15 अगस्त (Independence Day) बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। हर भारतीय दिल से इस दिन को त्योहार की तरह मनाता है और एक दूसरे को बधाई, संदेश, और शेरो शायरी भेजता है। इसलिए इस खास मौके पर हम आपके साथ स्वतंत्रता दिवस की शायरी शेयर कर रहे है! जिनका आप अपने दोस्तों एव प्रियजनों को Independence Day की बधाई देने के लिए कर सकते हैं।
Independence Day Shayari 2019
—#1—
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा ,
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे ,
मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा|
—#2—
यक़ीन हो, के ना हो, बात तो यक़ीन की है,
हमारे जिस्म की मिट्टी, इसी ज़मीन की है।
—#3—
चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद करले,
जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे
देशभक्तो के खून की वो धारा याद करले..||
—#4—
इस देश के गौरव के खातिर, चल कुछ ऐसा काम करें,
दुनिया देखे इसकी शान, और दुनिया वाले सलाम करें।
- देश भक्ति शायरी
- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
- शहीद भगत सिंह के अनमोल विचार
- महात्मा गांधी के अनमोल वचन
- Independence Day Speech in Hindi
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desh bhakti shayari
—#5—
वतन पर जो फिदा होगा, अमर वो हर नौजवान होगा,
रहेगी जब तक दुनिया ये, अफसाना उसका बयाँ होगा!
—#6—
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे,
करें कुर्बान हँस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे।दिली ख्वाहिश नहीं कोई मगर ये इल्तिजा बस है…
—#7—
इश्क़ तो करता हैं हर कोई
मेहबूब पे मरता हैं हर कोई,
कभी वतन को मेहबूब बना कर देखो
तुझ पे मरेगा हर कोई……!!!!15 अगस्त की शुभकामना
—#8—
काले गोरे का भेद नहीं,
इस दिल से हमारा नाता है,
कुछ और न आता हो हमको,
हमें प्यार निभाना आता है!
—#9—
ये बात हवाओ को बताये रखना,
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की…
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना…
Happy Independence Day
—#10—
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
—#11—
चलो फिर से आज वो नज़ारा, याद कर लें,
शहीदों के दिल में थी जो आग, याद कर लें,
जिसमें बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे,
देश भगतों के खून की वो धारा याद कर लें …
—#12—
मैं अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में दंगा रहने दो,
हरे और लाल में मत बाँटो मेरी छत पर तिरंगा रहने दो …