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Judai Shayari Hindi 2022 ! जुदाई शायरी

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जुदाई शायरी

—#1—

कोई वादा नहीं फिर भी इंतज़ार है,
जुदाई के बावजूद भी हमें तुझसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे बिछड़ कर तू भी बेकरार है।

—#2—

जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ।

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—#3—

जुदा हुए हैं बहुत से लोग एक तुम भी सही,
अब इतनी सी बात पे क्या जिंदगी हैरान करें।

—#4—

दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है।

—#5—

जुदा किसी से किसी का ग़रज़ हबीब न हो,
ये दाग वो है कि दुश्मन को भी नसीब न हो।

—#6—

बिछड़ के तुझसे अजब वहशतों ने घेरा है,
उदास रहता है ये दिल भी जंगलों की तरह!

—#7—

बहुत भीड़ है इस मोहब्बत के शहर में,
एक बार जो बिछड़ा वो दोबारा नहीं मिलता!

—#8—

जुदा हो कर भी जी रहे हैं मुद्दत से,
कभी कहते थे दोनों कि जुदाई मार डालेगी!

—#9—

दिल जुड़ा हो तो मुलाक़ात से फिर क्या हासिल,
यूं तो सेहरा भी समंदर से मिला करते हैं!

—#10—

दिल बिखरने से डर लगता हैं
कुछ अपनी किस्मत से डर लगता हैं
जो मुझे तुझसे दूर करती हैं
मुझे हाथो की उस रेखा से डर लगता हैं!

—#11—

अगर मुझसे मोहब्बत नहीं तो रोते क्यों हो
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो
अगर मंज़िल जुदाई है तो जाने दो मुझे
लौट के कब आओगे पूछते क्यों हो!

Best Judai Shayari in Hindi

—#12—

तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किस से करूँ,
यहाँ तो हर कोई अब भी, मुझे, तेरा समझता हैं!

—#13—

तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती हैं!

—#14—

हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं!

—#15—

इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं!
गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत!
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!

—#16—

तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ,
यहाँ तो हर कोई अब भी, मुझे, तेरा समझता हैं!

—#17—

किसी को मोहब्बत में जुदाई न मिले
किसी को मोहब्बत में जुदाई न मिले
और जो पोस्ट को लाइक ना करे
उसे कड़कड़ाती ठंड में रजाई ना मिले!

—#18—

आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती हैं
आपकी याद बहुत बेकरार करती हैं
जाते जाते कहीं भी मुलाकात हो जाये आप से
तलाश आपको ये नज़र बार बार करती हैं!

—#19—

जुदाई सहने का अंदाज कोई मुझसे सीखे
रोते है मगर आँखों में आँसूं नहीं होते!

—#20—

लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं,
हालत मेरी मुझे लाचार करती हैं,
आँखे मेरी पढ़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं!

—#21—

हो जुदाई का शब़ब कुछ भी..!
उसे हम अपनी “ख़ता” कहते हैं..!!
वो तो ढली है “साहिल” के सांसो मे..!
जाने क्यु लोग उसे मुझसे ज़ुदा कहते हैं..!!

—#22—

न कोई जाने मुझे न मैं किसी को जानु,
मेरी पहचान को अब तुम मिटा दो,
मैं अब रह नहीं सकता उस-से जुदा होकर,
मेरा क़तल कर दो या करवा दो!

—#23—

तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को इसलिए
तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया !!

—#24—

राज़-ऐ-दिल न सुनना किसी को यारा
दुनिया में सब हम राज़ बदल जाते है
किसी के बिछड़ने से कोई मर नहीं जाता है
मगर जीने के अंदाज़ बदल जाते है!

—#25—

हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं।

—#26—

दिल को आता हैं जब भी
ख़याल उनका
उन्की तस्वींर से पुछते हैं
हाल उनका
वो मुझसे पुछते थे
जुदाई क़्या हैं
अब जाकें हमें समझ आया
सवाल उनका!

—#27—

ऐ दोस्त कभी ज़िक्र ऐ जुदाई ना करना
मेरे भरोसे को रुसवा ना करना
दिल में तेरे कोई औऱ बस जाए तो बता देना
मेरे दिल में रहकर बेवफ़ाई ना करना!

—#28—

तन्हाई जब क़िस्मत में लिखी है
तो क्या शिक़वा अपनों और बेगानों से
हम मीट गए जिनकी चाहत में
वो बाज ना आए हमें आज़माने से!

जुदाई शायरी

—#29—

तम्मना से नहीं तन्हाई से डरते है
प्यार से नहीं रुस्वाई से डरते है
मिलने की तो बोहोत चाहत है पर
मिलने के बाद जुदाई से डरते है!

—#30—

कैसी अज़ीब सी जुदाई है हमारी
की तुझें अल्विदा भी नहीं कह सका
तेरी सादग़ी में इतना फ़रेब था
की तुझें बेवफ़ा भी ना कह सका!

—#31—

उन्की मोह्ब्बत ने हमें जीना सीखा दिया
उन्कि जुदाई ने हमें मर मर के जीना सीखा दिया।

—#32—

हौसला तुझ में न था मुझसे
जुदा होने का
वरना काजल तेरी ऑंखो का
यु ना फ़ैला होता!

—#33—

कौन कहता है की हमारी जुदाई होगी
ये अफ़वाह किसी दुश्मन ने फैलाई होगी
शान से रहेंगे आपके दिल में
इतने दिनों में कुछ तो जग़ह बनाई होगी!

—#34—

क़िस्मत पर ऐतबार किसको है
मिले जाए ख़ुशी इंकार किसको है
कुछ मजबूरियां हैं मेरी जान
वरना जुदाई से प्यार किसको है!

—#35—

वो जुदा भी एसे हुआ
मैं रस्म भी ना निभा सका
वो हंसी हंसी में ही चला गया
मैं तो हाथ तक ना हिला सका!

—#36—

उनके जुदा होने के बाद
ना ही क़भी मोह्ब्बत हुई
ना कीसीसे से इतनी नफ़्रत!

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—#37—

इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए,
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है!

—#38—

काश यह जालिम जुदाई न होती,
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायी न होती,
न हम उनसे मिलते न प्यार होता,
अपनी ज़िन्दगी फिर परायी न होती!

—#39—

उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है,
किसी तरह जो ज़िक्र हो जाए उनका,
तो हँस कर भीगी पलकें झुका लेते है!

—#40—

किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
जिस्म से रूह को लेने फ़रिश्ते नहीं आते!

—#41—

हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें,
खुद पर बीती तो हकीक़त का अंदाज़ा हुआ!

—#42—

यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर,
इस दिल का जो भी हाल हुआ तुझे देख कर!

—#43—

तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह प्यारे दिन जो तेरे साथ गुजारे थे,
नजरे तलाश उनको बार-बार करती हैं!

—#44—

जुदाई की आग में
इस तरह झुलस गए,
जैसे टहनियों से टूटकर
हरे पत्ते बिखर गए!

—#45—

कहते है किसी की
जुदाई में कोई नहीं मरता,
पर जो हम जी रहें हैं
वो ज़िन्दगी है क्या!

—#46—

वो गलियां भी बहुत रोई थी
हमारी जुदाई पर,
जिन गलियों में
तूने मेरा हाथ थामा था!

—#47—

कोई रूठे तो उसे जल्दी मनाया करो,
अक्सर गुरूर की जंग में
जुदाई जीत जाया करती हैं!

—#48—

पर प्यार तोह उन्होंने भी किया था,
फिर इस जुदाई से दर्द
सिर्फ हमें ही क्यों हो रहा है!

—#48—

जुदाई से अनजान तो ना हैं,
फिर आज क्यों दर्द हो रहा है!

—#49—

लिखता हूं सुबह शब बस मैं
तेरे मेरे मिलन की बातें,
लेकिन तेरे मेरे ज़ुदाई के ग़म
को मैं कैसे लिखूंगा!

—#50—

बेवफा वक़्त था तुम थे
या मुक़द्दर था मेरा,
बात इतनी ही है के
अंजाम जुदाई निकला!

—#51—

छोड़ दी हम ने दुनिया बस तेरी खुशी के लिए,
जी सकेंगे न अब हम किसी के लिए,
तेरा मिलना बिछड़ना एक ख्वाब सा था,
तेरी कसम तरसते रहे बस एक हँसी के लिए,
तेरी जुदाई से बढ़ कर क्या ग़म होगा,
ज़ख्म काफी हैं ये ही मेरी ज़िन्दगी के लिए!

आशा है की आप लोगो की हमारी हिंदी शायरी पोस्ट पसंद आया होगा। इशी तहर का नया हिंदी शायरी हर रोज लता रहता हूं। हम चाहते है आने वाले समाये में आपको इसी ब्लॉग में हरेक कटेगरी की मजेदार शायरी मिले। हमरी टीम में सभी कैटेगरी के स्पेसलिस्ट है और सभी अपने कटेगरी पर काम कर रहे है। आशा है की आप सभी को हमारा मजेदार हिंदी शायरी पसंद आएगा। हम सभी ऐसे टॉपिक पर काम करते जो आप सबको पसंद आये। आप कमेंट में जरूर बताये!

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