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मुश्किलों का सामना कैसे करे ? How To Face Problem?

मुश्किलों का सामना कैसे करे ? How To Face Problem?
मुश्किलों का सामना कैसे करे ? How To Face Problem?

How To Face Problems In Hindi : हर कोई अपने जीवन की समस्याओं से परेशान है। किसी के पास छोटी तो कोई बड़ी परेशानियों के लिए जिंदगी को कोस रहा है। कोई अपनी मूल जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो कोई मृत्यु के शोक में हैं। लेकिन इससे जिंदगी को अंधकार में रखा हुआ है।

अपनी जिंदगी में जब हम झांकते हैं तो देखते हैं कि कितने संघर्ष है, कितनी परेशानियों में हम घिरे हुए हैं। लेकिन कभी किसी दूसरे कि जिंदगी में देखिये तो आपको अपनी समस्या काफी कम लगेगी।

मुश्किलों का सामना कैसे करे ? How To Face Problem?

मुश्किलों का सामना कैसे करे ? How To Face Problem?


जिन मुश्किल परिस्थितियों में आप अपने हौसले को खो देते हैं उसी को अगर आप चाहें तो अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी मजबूती भी बना सकते हैं। दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया लेकिन फिर भी अपने हौंसले को इतना बुलंद रखा कि सब खोने के बाद ही पूरी दुनिया को पा लिया है।

युवा नौकरी के लिए, बुजुर्ग सेहत के लिए, तो बच्चे परीक्षा से परेशान है। लेकिन इन सभी में जिंदगी का एक ऐसा सार छिपा है। जिसे हम अगर पार कर लें तो ये जिंदगी ना तो सिर्फ आसान हो जाएगी, बल्कि बेहद खूबसूरत भी होगी।

कुछ खो जाए तो उसपर रोना बिल्कुल जायज है लेकिन सिर्फ रोते ही रहना नाकामयाबी की तरफ ले जाता है और वो नाकामयाब लोगों की निशानी है। अगर आपके किसी अपने का निधन हो जाता है, तो उसपर शोक मनाना सही है लेकिन आखिर कब तक?

एक वक्त ऐसा आएगा जब आपको स्वीकार करना होगा कि किस्मत और वक्त के आगे आप लाचार है। आपके हाथों में गुजरा हुआ वक्त और लोग नहीं है लेकिन आने वाला वक्त आप अपने आज को बेहतर करके संवार सकते हैं। ऐसे वक्त में नियति को कोसना काफी आसान है लेकिन इससे आप कुछ हासिल नहीं कर सकते हैं। इससे आपको सिर्फ केवल मानसिक अशांति ही मिलेगी। जो आपके आज को और आने वाले कल को पूरी तरह से खराब करने के लिए काफी है।

अगर किस्मत ने आपसे कोई कीमती चीज ली है तो उस पर रोना और शोक मनाना एक वक्त तक के लिए तो सही है लेकिन फिर आपको प्रैक्टिकल होकर जिंदगी को स्वीकार करना होगा। जिंदगी की रेखा कभी भी सीधी नहीं चलती है, उसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। जब हम कामयाब होते हैं तो खुश रहते हैं लेकिन नाकामयाबी के दौर में हम क्यों दुखी रहते हैं।

चुनौतियों और वास्तविकता को स्वीकार करना ही जीवन की सबसे कठिन परिस्थितियों से लड़ने का एक मात्र और सबसे बड़ा हथियार है। कोई भी समस्या हमें दो तरीकों से परेशान करती है एक तो मानसिक रूप से और दूसरा उसका हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। अगर आप मन से हार जाएं तो शरीर अपने आप ही हार मान लेता है।

How To Face Problems In Hindi

जब किसी इंसान की नजर कम होती है और उसे इस बात का अहसास होने लगे कि वो जल्दी अंधा होने वाला है। तो इस बात से वो 2 तरीको से प्रभावित होता है। सबसे पहले तो उसे ये समझना होगा कि अब वो शायद पढ़ने, लोगों को देखना, टीवी देखने या वो सब चीजें जो एक आंखों से संपन्न व्यक्ति कर सकता है, वो इंसान अब नहीं कर पाएगा।

दूसरा उसे इसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव से काफी ज्यादा हद तक जूझना होगा। व्यवहारिक हिस्सा किसी भी व्यक्ति की ऊर्जा का केवल 25 प्रतिशत हिस्से को खत्म करेगी जबकि दिल और दिमाग में अगर हार मान ली तो वो बाकी बचे हुए 75 प्रतिशत हिस्से को भी खत्म कर देगी। जिसका नतीजा होगा कि वो ज्यादा वक्त अपने भविष्य के बारे में सोचने में गुजार देगा।

वो इस बात के बारे मे नहीं सोचेगा कि अगर उसकी एक इंद्री खराब है तो जो बाकी इंद्रियां उसे सही मिली हैं उनका कैसे अच्छे रूप से इस्तेमाल करें, वो कैसे इस परेशानी से बाहर निकल सकता है। अगर कोई भी इंसान इस बात को स्वीकार कर लेता है कि उसकी आंखों की शक्ति अब खत्म होने वाली है तो वो उन सभी मनोवैज्ञानिक नकारात्मकताओं से आसानी से जीत जाएगा। वो इन सबका अस्तित्व खत्म कर देगा।

अगर आपके जीवन में कोई बड़ी समस्या आ जाए तो उस समय खुद की किस्मत को कोसने लग जाते हैं और ये सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि “मेरे साथ क्यों हो रहा है? मैंने क्या गलत किया? ऐसा मेरे साथ ही क्यों हो रहा है? उसने ये मेरे साथ क्यों किया?’ लेकिन अगर हम उस समय इस बात पर गौर करें कि ये सब तो हो गया अब आज को कैसे सही करें जिससे आने वाला कल बेहतर हो, तो शायद बहुत बेहतर होगा।

बुरा वक्त अगर आपकी जिंदगी में दस्तक दे रहा है तो उससे घबराने की जगह पर उसे मात दें क्योंकि उसके पीछे ही आपका अच्छा वक्त छिपा होगा। साथ में जो आपको जिंदगी की परेशानियों से लड़ने का हौंसला मिलेगा वो कभी नहीं टूट सकेगा।

कई बार हमारे साथ होता है कि हम किसी समस्या का हल नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में उसका सामना करने के लिए हमें कोई और रास्ता देखना चाहिए। अगर आप अपनी समस्या को स्वीकार कर लेते हैं और उस समस्या से लड़ने के लिए ताकत रखते हैं तो शायद आप ज्यादा नुकसान के बिना ही इस संकट से बाहर निकल सके।

हर संकट अपने साथ उसका समाधान भी लेकर आता है बस जरूरत होती है तो वक्त के बदलने के इंतजार की और अपनी किस्मत पर भरोसा रखने की। कभी भी बुरा वक्त आ सकता है हमें उसके लिए पहले से ही अपने दिल और दिमाग को हमेशा इतना मजबूत रखना चाहिए कि हंसते हंसते उससे बाहर निकल सके।