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बेलपत्र क्या है इसका उपयोग महत्व एवं इसकी सम्पूर्ण जानकारी | Bel patra ke fayde

बेलपत्र क्या है
बेलपत्र क्या है

Bel patra ke fayde : वैसे तो भगवान शिव की आराधना किसी महीने किसी दिन के प्रतीक्षा के बिना हर दिन की जाती है मगर जब बात हो सावन की तो हर एक शिवभक्त ये कोशिश करता है की कैसे भगवान शिव को खुश किया जाये भक्तजन भगवान शंकर पर गंगाजल के साथ बेलपत्र भी चढ़ते हैं बेलपत्र को बिल्वपत्र भी कहा जाता है हमारे हिन्दू धर्म में ये माना जाता है की बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है महादेव एक बेलपत्र अर्पण करने से भी प्रसन्न हो जाते है, इसलिए उन्हें आशुतोष भी कहा जाता है आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की आखिर बेलपत्र का इतना महत्त्व क्यों है और क्या है इसके अन्य उपयोग आएये शुरू करते हैं

बेलपत्र क्या है

बेलपत्र क्या है


बेलपत्र क्या है?

हज़ारों साल पहले लिखे स्कन्द पुराण में बेलपत्र से जुडी एक कथा मिलती है कथा के अनुसार एक बार जब माता पार्वती के माथे पर पसीना आया तब उन्होंने पसीने को पोंछा उनके पसीने की कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर पड़ीं उन्ही पसीने को बूंदों से मंदार पर्वत पर बेल के वृक्ष की उत्पति हुई ऐसी मान्यता है कि बेल वृक्ष के जड़ों मे गिरिजा, तना में महेश्वरी, शाखाओं में दक्षयानी, पत्तियों में पार्वती और और फूलों में माता गौरी का वास है यही कारण है की भगवान शिव को बेलपत्र से इतना लगाव है!

बेलपत्र तोड़ने के नियम

जैसा की हम सबको पता है की बेलपत्र भगवान शिव की कितना प्रिय है इसलिए सावन में जब उनपर गंगाजल चढ़ाया जाता है तब खास तौर पर उनके लिए बेलपत्र की व्यवस्था भी की जाती है जोकि जल के साथ ही चढ़ाया जाता है जब भगवान शिव को इतना प्रिय है बेलपत्र तो इसको इसके पेड़ से तोड़ने के भी नियम हैं ऐसा नहीकी आप कभी भी इसको इसके पेड़ से तोड़ सकते हैं तो आएये जान लेते हैं क्या हैं बेलपत्र तोड़ने के नियम!

  1. बेलपत्र तोड़ने से पहले और बाद में वृक्ष को मन ही मन प्रणाम कर लेना चाहिए!
  2. चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथ‍ियों को, सं‍क्रांति के समय और सोमवार को बेलपत्र न तोड़ें!
  3. शास्त्रों में कहा गया है कि अगर नया बेलपत्र न मिल सके, तो किसी दूसरे के चढ़ाए हुए बेलपत्र को भी धोकर कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है!
  4. बेलपत्र तोड़ते वक्त टहनी नहीं तोड़ना चाहिए। टहनी से सिर्फ बेलपत्र ही चुन-चुनकर तोड़ना चाहिए!

बेलपत्र के क्या फायदे होते हैं?

भारतीय संस्कृति में जितना महत्व देवी देवताओं को दिया जाता है उतना ही महत्व प्रकृति को भी दिया जाता है जिसकी वजह से हम प्रकृति की भी पूजा करते हैं कई ऐसे वृक्ष हैं जो हमारे धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं जैसे पीपल बरगत उन्हीं में से एक वृक्ष है बेल का जिसका ना सिर्फ धर्म में महत्त्व है साथ ही हमारे दैनिक दिनचर्या में भी इसका बहुत महत्त्व है ऐसा कौन है जो गर्मियों के दिनों में बेल का शरबत नहीं पीता हो खैर तलाश करने से तो कोई ना कोई मिल ही जायेगा मगर जब वो इसके फायदे के बारे में जानेगे तो शायद अबकी गर्मी वो बेल का शरबत पीना नहीं भूलेंगे आएये देख लेते हैं क्या क्या फायदे हैं बेल के फल के इसके फल से लेकर पत्तों तक में औषधीय गुण पाए जाते हैं आइये विस्तार से देख लेते हैं बेलपत्र के क्या क्या फायदे होते हैं !

  1. बेल के पत्तों को चबाकर खाने से कोलेस्ट्रॉल शरीर में नियंत्रण में रहता है !
  2. मधुमेह के मरीज़ों के लिए चमत्कारिक है बेल का पत्ता !
  3. ये शरीर की किसी भी प्रकार के सूजन, पेट सम्बंधित समस्या में काफी लाभकारी है!
  4. बेल के फल के उपयोग से शरीर में कफ, वात विकार, दस्त, बदहजमी, मूत्र रोग, डायबिटीज, पेचिश, ल्यूकोरिया में काफी आराम मिलता है
  5. शरीर को ठंडक देता है बेल का शरबत गर्मियों में लू से बचने का सबसे कारगर उपाय है बेल का शरबत !
  6. अगर कोई महिला माँ बानी है इन्ही दिनों में तो उसके लिए बेल का शरबत बहुत फायदेमंद है उसके स्तन में दूध का उत्पादन संतुलित होता है !
  7. बेल के रस में गुनगुने पानी के साथ शहद मिलकर पिने से खून साफ़ हो जाता है !
  8. बेल के फल को हलके आग में सेक कर उसमें चीनी मिलकर द्दिन में 3-4 बार खाने से दस्त की शिकायत दूर हो जाती है!

निष्कर्ष

आज हमने जाना की बेलपत्र का क्या महत्त्व है धार्मिक और स्वास्थ्य के संबंध में भगवान शिव को बेहद पसंद बेलपत्र के औषधीय गुणों के बारे में हमने जाना ये ज़रूरी है की हम अपने देवी देवताओं माता पिता के बाद अपनी प्रकृति का भी आदर सम्मान करें क्यों की जब प्रकृति नहीं होगी तो हमारा अस्तित्व कहा रह जायेगा और अपने अपने घरों में हमें एक बेल का वृक्ष ज़रूर लगाना चाहिए जिससे इसकी उपलब्धता बढे और हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमारे धर्म और संस्कृति के बारे में पता चले और वो भी इसका उतना ही सम्मान करें और इससे लाभकारी गुणों से खुद और अपने परिवार को लाभान्वित करें