biography

योगेश्वर दत्त का जीवन परिचय – Yogeshwar Dutt Biography in hindi

Yogeshwar Dutt Biography in hindi

Yogeshwar Dutt Biography in hindi : देखा जाए तो इण्डिया हमेशा से खेल कूद के क्षेत्र में अव्वल रहा है। यहां के प्रत्येक शहरों से अनेकों खिलाड़ी विभिन्न प्रकार के खेलों में हिस्सा लेकर अपना नाम रोशन कर रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि वह विभिन्न खेलों में हमारे भारत देश को रिप्रजेंट करके हमारे भारत देश का नाम भी रोशन कर रहे हैं। वैसे तो भारत के अनेक शहरों से बहुत से खिलाड़ी हुए हैं, परन्तु सबसे ज्यादा खिलाड़ी भारत के हरियाणा शहर से ही निकले हैं। ये भी कहा जा सकता है कि भारत देश का हरियाणा शहर पहलवानों का खजाना है। हरियाणा के कई खिलाड़ियों ने भारत को खेल कूद के क्षेत्र में विश्व भर में एक अलग पहचान दिलाई है, जैसे- सुशील कुमार, नरसिंह यादव, गीता फोगाट, साक्षी मलिक ये सभी सिर्फ हरियाणा की ही नहीं बल्कि हमारे भारत देश की भी शान हैं। इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं योगेश्वर दत्त, जिन्होंने अपने सपनों को भले ही हरियाणा के एक छोटे से गांव में देखा परन्तु आज अपनी प्रतिभा व खेल से न ही सिर्फ उन्होंने अपने सपनों को साकार किया बल्कि भारत का नाम पूरे विश्व में ऊंचा किया है।

Yogeshwar Dutt Biography in hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको इस महान खिलाड़ी योगेश्वर दत्त के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं।

योगेश्वर दत्त का संक्षिप्त जीवन परिचय :
पूरा नाम – योगेश्वर दत्त
उपनाम – योगी, मनीष पहलवान
जन्म – 2 नवंबर 1982
जन्मस्थान – भैंसवाल कलन गांव, जिला सोनीपत, हरियाणा, भारत

पिता का नाम – राम मेहर
माता का नाम – सुशीला देवी
भाई – मुकेश दत्त
पत्नी का नाम – शीतल शर्मा
व्यवसाय – खिलाड़ी
खेल – कुश्ती (भारतीय पहलवान)
राष्ट्रीयता – भारतीय
धर्म – हिन्दू

योगेश्वर दत्त का प्रारंभिक जीवन :

योगेश्वर दत्त का जन्म भारत के हरियाणा शहर के सोनीपत जिले के भैंसवाल कलन गांव में 2 नवंबर 1982 को राम मेहर व सुशीला देवी के घर हुआ था। योगेश्वर दत्त के पिता राम मेहर एक शिक्षक व माता सुशीला देवी एक शिक्षिका हैं। इतना ही नहीं बल्कि इनके दादा जी भी एक शिक्षक हैं। योगेश्वर दत्त अपनी मां सुशीला देवी के बेहद करीब हैं। वे अपनी जिन्दगी के सभी सुख और दुख के पल अपनी मां के साथ जरूर साझा करते हैं। योगेश्वर दत्त को छोटी उम्र से ही कुश्ती में रुचि होने लगी थी। इन्होंने अपने स्कूल में कुश्ती का प्रदर्शन कर कई प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। 1992 में 5वीं कक्षा में ही इन्होंने ‘स्कूल चैम्पियनशिप’ जीती, जिससे और भी प्रोत्साहित होकर सन् 1994 में पोलैंड में ‘ इंटरनेशनल स्कूल कैडेट गेम्स’ में भाग लिया और गोल्ड मैडल जीता। 1996 में योगेश्वर दत्त ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ‘छत्रसाल स्टेडियम’ में कुश्ती खेलने पर ध्यान लगाया, जहां से उनके करियर की शुरुआत हुई।

योगेश्वर दत्त का करियर :

मशहूर कुश्ती खिलाड़ी योगेश्वर दत्त का करियर 2003 से शुरू हुआ, जब उन्होंने लन्दन में आयोजित होने वाले “कॉमनवेल्थ कुश्ती चैम्पियनशिप” में भाग लेकर 55 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया और गोल्ड मैडल जीता, तब यहां से इनके करियर की बेहद शानदार शुरुआत हुई। इसके बाद सन् 2004 में इन्होंने एथेंस ओलंपिक में हिस्सा लिया, जिसमें ये 18वें स्थान पर आए। सन् 2006 में इन्होंने एशियाई गेम्स में हिस्सा लिया इसी दौरान 3 अगस्त 2006 में इन्होंने अपने माता पिता को खो दिया, भावनात्मक और शारीरिक रूप से आहत होने के बावजूद इन्होंने ऐशियाई गेम्स में 60 किग्रा के वर्ग में कांस्य पदक जीता।

इसके बाद सन् 2008 में दक्षिण कोरिया, ऐशियाई जेजू सिटी में आयोजित चैम्पियनशिप में गोल्ड मैडल जीत, बीजिंग ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई हुए, ये योगेश्वर दत्त का दूसरा ओलम्पिक गेम था। जिसमें दुर्भाग्यवश वे असफल रहे परन्तु योगेश्वर जी ने हार नहीं मानी और 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में 60 किग्रा वर्ग में भाग लेकर गोल्ड मैडल जीता। इसी दौरान घुटने पर चोट लगने के कारण इनके घुटने की सर्जरी हुई। इसके बाद सन् 2012 में कजाखस्तान में आयोजित ‘ एशियाई प्रतियोगिता’ में भाग लेकर रजत पदक जीत कर 2012 के ‘लन्दन ओलम्पिक’ में अपनी जगह सुनिश्चित की और 12 अगस्त 2012 को 60 किग्रा वर्ग में खेलकर लन्दन ओलम्पिक में कांस्य पदक जीत पूरे भारत का सर गर्व से ऊंचा कर दिया।

इसके उपरान्त सन् 2014 में स्कॉटलैंड, ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले 60 किग्रा वर्ग में खेलकर योगेश्वर दत्त ने गोल्ड मैडल जीता। इसके साथ ही सन् 2014 में ही इन्होंने ऐशियाई गेम्स में पहली बार 65 किग्रा वर्ग में खेलकर गोल्ड मैडल जीता।

इसके बाद सन् 2015 में इन्हें हरियाणा हेम्मर्स के कुश्ती लीग के पहले संस्करण में 6 टीमों में से एक टीम, जिसका नाम आइकन था, में जोड़ा गया, जो भारत के 6 शहरों में 10 दिसंबर से 27 दिसंबर तक आयोजित हुई। फरवरी सन् 2016 में अस्ताना आयोजित ‘ऐशियाई ओलम्पिक क्वालीफायर्स’ को क्वालीफाई कर योगेश्वर दत्त ने रियो ओलम्पिक में जगह बना ली। परन्तु रियो ओलम्पिक में वे दुर्भाग्यवश पहले ही चरण में आउट हो गए।

योगेश्वर दत्त को प्राप्त उपलब्धियां व पुरस्कार :

  1. सन् 2003 में कॉमनवेल्थ कुश्ती चैम्पियनशिप में 55 किग्रा वर्ग में गोल्ड मैडल
  2. सन् 2005 में केप टाउन आयोजित कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में 60 किग्रा में गोल्ड मैडल
  3. सन् 2006 में ऐशियाई गेम्स में 60 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक
  4. सन् 2007 में लन्दन कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में 60 किग्रा वर्ग में गोल्ड मैडल
  5. सन् 2008 में दक्षिण कोरिया आयोजित ऐशियाई जेजू चैम्पियनशिप में गोल्ड मैडल
  6. सन् 2010 में दिल्ली आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में 60 किग्रा वर्ग में गोल्ड मैडल
  7. सन् 2012 में लन्दन ओलम्पिक में 60 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक
  8. सन् 2014 में स्कॉटलैंड, ग्लासगो आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में 60 किग्रा वर्ग में गोल्ड मैडल
  9. सन् 2014 में एशियाई गेम्स में 65 किग्रा वर्ग में गोल्ड मैडल

भारत सरकार द्वारा दिये गए पुरस्कार –

  1. सन् 2012 में भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड मिला।
  2. हरियाणा सरकार द्वारा 10 मिलियन रूपये मिले।
  3. राजस्थान सरकार ने 5 मिलियन रुपये मिले।

योगेश्वर दत्त के जीवन के बारे में कुछ रोचक तथ्य :

  1. योगेश्वर दत्त ने अपने गुरु रामपाल के मार्गदर्शन में रहकर 6 साल की उम्र से ही कुश्ती करना आरम्भ कर दिया था।
  2. स्वर्गीय श्री बलराज पहलवान जी योगेश्वर दत्त जी के आदर्श हैं।
  3. योगेश्वर दत्त जी खाशाबा दादासाहेब जाधव और सुशील कुमार के बाद ओलम्पिक पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं।
  4. योगेश्वर दत्त जी हरियाणा पुलिस में उप पुलिस अधीक्षक (डी.एस.पी) भी हैं।
  5. सुशील कुमार जी योगेश्वर दत्त जी के बचपन के करीबी दोस्त हैं।