Sadhvi Pragya Thakur Biography in hindi : नमस्कार दोस्तों! आजकल हर कोई राजनीति में अपना पावर रख रहा है चाहे फिर वह कोई फिल्मी सितारा हो या खिलाड़ी हो या फिर कोई संत या साध्वी. ऐसे में कई नाम है जो आपने पहले कभी राजनीति में तो नहीं सुने होंगे लेकिन राजनीति से भारी दुनिया में जरूर उनके बारे में आपने सुना होगा. ऐसा ही एक नाम है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का. साध्वी का नाम राजनीति में सन 2019 के लोकसभा चुनावों से आया है लेकिन वह सिर्फ इस चुनाव की वजह से ही प्रचलित नहीं हुई. लगातार 10 से 12 वर्षों से कई ऐसे कारण रहे हैं जिनकी वजह से साध्वी प्रज्ञा चर्चा में बनी रही है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कौन है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर.

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का परिचय: Biography of Sadhvi Pragya Thakur
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का पूरा नाम साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर है और उनका जन्म सन 1970 में 2 फरवरी को मध्यप्रदेश के भिंड जिले में हुआ. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पेशे से एक साध्वी है और अब वह लोकसभा उम्मीदवार बनकर भारतीय जनता पार्टी की सीट से जीत गई हैं. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की राष्ट्रीयता भारतीय है और वे 50 वर्ष की है. प्रज्ञा ठाकुर का गृह नगर यानी होमटाउन भोपाल है और वह हिंदू धर्म से ताल्लुक रखती हैं. जाति की बात की जाए तो प्रज्ञा ठाकुर राजपूत जाते हैं और अभी तक अविवाहित है.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बचपन: Sadhvi Pragya Thakur childhood
साध्वी का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ जहां पर उनके पिताश्री एग्रीकल्चर विभाग में डेमोंस्ट्रेटर थे और उसके साथ साथ हैं आयुर्वेद के डॉक्टर का भी काम करते थे. साध्वी के पिता कई सारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े हुए थे और वे हमेशा गीता का पाठ किया करते थे. साध्वी बचपन से ही अध्यात्म से जुड़ी हुई थी और वे हमेशा अपने पिताजी के पास बैठकर गीता का पाठ सुना करती थी.
अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्रज्ञा ने भिंड में ही पूरी की और इसके बाद उन्होंने इतिहास में ग्रेजुएशन पास करी और फिर वह ऑल इंडिया स्टूडेंट काउंसलिंग में भी सक्रिय रही. इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए प्रज्ञा भोपाल चली गई और वहां से उन्होंने हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएशन किया.
प्रज्ञा का परिवार और कुछ निजी जानकारियां:
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को घूमना मोटरसाइकिल चलाना और किताबें पढ़ने का बहुत शौक है. जब साध्वी प्रज्ञा के पिता श्री और माता श्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रज्ञा ने आज तक एक भी फिल्म नहीं देखी. साध्वी प्रज्ञा ने एक बहुत छोटी उम्र में ही विवाह न करके हमेशा के लिए संत बने रहने का निश्चय किया और फिर उन्होंने सूरत में अपना आश्रम बनाया. अपना आश्रम बनाने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने पूरे देश में अपने आश्रम से ही यात्रा की. माताजी पिताजी की बात की जाए तो साध्वी प्रज्ञा के पिताजी का नाम सी.पी. ठाकुर और माता श्री का नाम सरला देवी है.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की राजनैतिक जिंदगी:
जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आई उसके बाद उन्होंने संन्यास ले लिया. प्रज्ञा एक बहुत अच्छी वक्त आ रही और उनके इसी कौशल्य ने उन्हें पूरे जगत में प्रसिद्धि दिलवाई और इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी की स्टार प्रचारक बन गई जिसमें उन्होंने महिलाओं पर एक बहुत अच्छा प्रभाव डाला. अपने विचारों के जरिए साध्वी ने हमेशा इस्लामिक आतंकवाद पर प्रहार किया और कश्मीर से जुड़े मुद्दों के बारे में भी बहुत स्पष्ट शब्दों में बात की. अपने इसी नजरिए और व्यवहार के कारण कई बार साध्वी विरोधी पार्टियों के निशाने पर भी आई.
सन 2002 में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक समिति का निर्माण किया जिसका नाम जय वंदे मातरम जन कल्याण समिति रखा गया. इस समिति का निर्माण करने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर स्वामी अवधेशानंद जी की शरण में आई और फिर उन्होंने नेशनल जागरण मंच का निर्माण किया.
सन 2008 में 29 सितंबर को मालेगांव में एक बम धमाका हुआ जिसमें 100 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए. इस बम धमाके की वजह थी एक मोटरसाइकिल में रखा हुआ बम और यह मोटरसाइकिल साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर रजिस्टर थी. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आरोपी करार दे दिया गया. यह आरोप लगने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को 10 साल तक जेल में सजा काटनी पड़ी और फिर उन्होंने 2017 मे रिहाई पाई. अपने जेल जाने के बारे में बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बताया कि उन्हें जेल में बहुत प्रकार की यातनाएं दी जाती थीइतना ही नहीं उनकी मर्जी के बिना उनके साथ नार्को टेस्ट और लाइ-डिटेक्टर का टेस्ट भी किया जाता था. इसके अलावासाध्वी प्रज्ञा ठाकुर को पुरुषों के द्वारा भी थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया जाता था. उस समय पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के वकील गणेश शिवानी थे और अभी मुंबई हाई कोर्ट से मिली हुई जमानत के कारण ही वह जेल से बाहर हैं.
प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक बीजेपी के विधायक सुनील जोशी जी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था लेकिन दिसंबर 2007 में उनकी हत्या हो गई. उनकी हत्या के मुकदमे में साध्वी प्रज्ञा के साथ 7 और लोगों का नाम आया लेकिन 2017 में उन्हें इस चार्ज से मुक्त कर दिया गया.
सन 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ मेले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर में भारत भक्ति अखाड़े का निर्माण किया और खुद भी इस अखाड़े की महामंडलेश्वर बनी.
जब साध्वी प्रज्ञा जेल से रिहा हुई उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उनका स्वागत किया औरसाध्वी ने वरिष्ठ नेताओं के बीच में भोपाल में ही सदस्यता ग्रहण की. सदस्यता पाने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने यह ऐलान किया कि वह चुनावी मैदान में उतरेंगी. सन 1984 के बाद लगातार भोपाल से भारतीय जनता पार्टी जीत रही है इसलिए इस साल भी उनका जितना मुश्किल नहीं था. इस चुनावी लड़ाई मेंसाध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफदिग्विजय सिंह को खड़ा किया गया. दिग्विजय सिंह के आने के बादसाध्वी ने उन्हें खुली चुनौती दी क्योंकि फसाने के लिए जो आदमी सबसे ज्यादा जिम्मेदार था वह भी दिग्विजय सिंह ही था.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े कुछ अनसुने विवाद:
सिर्फ बम ब्लास्ट ही नहीं ऐसे बहुत से छोटे बड़े विवाद है जिनमें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हमेशा गिरी रही है और इसका सबसे बड़ा कारण है कि उन्होंने अब राजनीति में प्रवेश कर लिया है. राजनीति में प्रवेश करने के बाद से साध्वी प्रज्ञा की हर एक बात को ध्यान से सुना जाता है.
सन 2018 में जब साध्वी ने सोनिया गांधी को इटली वाली बाई कह दिया था तब भी वह विवादों से घिर गई थी.
2019 में हो रहे चुनाव अभियान में भी साध्वी पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाए गया था क्योंकि उन्होंने लोगों से धर्म के आधार पर वोट मांगने की कोशिश की गई थी जिसकी वजह से मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट भी टूट गया था. इतना ही नहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अपने भाषण मेंबाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने पर भी कमेंट किया था इस बात पर उन्होंने कहा था कि हम लोगों ने देशभर से एक धब्बा हटाया है और हम इस बात पर गर्व करते हैं और भगवान हमें ऐसा करने का मौका दे रहे हैं इसलिए हम भाग्यशाली भी महसूस करते हैं .
इतना ही नहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने सन 2019 में 19 अप्रैल को 26/11 के हीरो हेमंत करकरे पर भी एक विवादित बयान दे दिया था जिसमें उन्होंने कहा था किहेमंत की मृत्यु इसलिए हुई है क्योंकि साध्वी प्रज्ञा ने उन्हे श्राप दे दिया था. इस बयान में उन्होंने काफी कुछ कहा था और इसके बाद उन्हें इसके लिए माफी भी मांगनी पड़ी थी. यह सब होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा को हमेशा समर्थन दिया.
सन 2019 मेंसाध्वी प्रज्ञा ने 16 मई को एक और विवादित बयान दे डालाजिसमें उन्होंनेनाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था और यह भी कहा था कि कमल हासन जो उन पर इल्जाम लगा रहे हैं खुद के गिरेबान में झांक कर देख ले. उनके इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी उनका समर्थन नहीं किया था और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को इस बात के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी पड़ी थी.
अपने जीवन में कुछ ऐसी कठिनाइयां और विवादों से गिरकर और उन्हें पार कर कर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने राजनीति में अपनी एक पहचान और अपना एक नाम बना लिया है.
तो दोस्तो यह थी जानकारी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बारे में. हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी भी हुई जानकारी से संतुष्टि प्राप्त हुई होगी.
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