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योग पर निबंध, प्रकार और लाभ, आइए जानें – Essay on Yoga in Hindi

योग के बारे में जानकारी, प्रकार और लाभ, आइए जानें - Essay on Yoga in Hindi – Types and Importance

Essay on Yoga in Hindi – Types and Importance : योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है. इसे ही अगर दूसरे शब्‍दों में कहे तो योग सही तरह से जीने का विज्ञान है. जिसमें शरीर, मन और आत्मा एक साथ आ जाते हैं. योग शब्‍द का अर्थ होता है, ‘बांधना’. योग शब्‍द संस्‍कृत के एक शब्‍द ‘युज’ से बना है. ‘युज’ का मतलब होता है, जुड़ना.

योग के द्वारा शरीर, मन और मस्तिष्क को पूरी तरह से स्वस्थ रखा जा सकता है. तीनों के स्वस्थ रहने पर ही आप खुद को स्वस्थ महसूस करते हैं. योग से आप को सबसे ज्‍यादा लाभ पहुंचाता है बाहरी शरीर पर, जिसके बाद योग का लाभ आप के शरीर के बाकि हिस्‍सों में दिखता है.

आइए जाने योग के बारे में – All About yoga

योग, हमारे भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है. लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहाँ लोग फिर शरीर को मोड़ते, मरोड़ते, खिंचते हैं. यह वास्तव में केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सही पहलू हैं.

योग के विज्ञान में जीवन शैली का पूरा सार आत्मसात किया गया है. योग के जरिए बीमारियों को तो दूर किया ही जा सकता है लेकिन शरीरिक और मानसिक तकलीफों से भी दूर किया जा सकता है. योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नई ऊर्जा देता करता है. योग शरीर को शक्तिशाली और लचीला बनाए रखने में मदद भी करता है.

आइए जाने योग के प्रकार – Types of yoga

प्रमुख रुप से योग के चार प्रकार होते हैं.

  1. राज योग
  2. कर्म योग
  3. भक्ति योग
  4. ज्ञान योग

योग के महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Yoga in Hindi

अगर आप सोच रहे हैं यह चारों योग का मार्ग अलग होता है, तो आप को बता दें ऐसा नहीं है. यह चारों योग के मार्ग अलग-अलग नहीं हैं. बल्कि प्रत्येक मार्ग एक-दूसरे से अति निकट रूप में है. जब हम परमात्‍मा का विचार करते हैं और अपने साथी मानवीय और प्रकृति के प्रति प्रेम में होते हैं, तब हम भक्तियोगी होते हैं. जब हम अन्य लोगों के निकट होकर उनकी सहायता करते हैं तब हम कर्मयोगी होते हैं. जब हम ध्यान और योगाभ्यास करते हैं तब राजयोगी होते हैं और जब हम जीवन का अर्थ समझते हैं और सा‍थ ही सत्य की खोज में आगे बढ़ते हैं तो हम ज्ञानयोगी होते हैं.

आइए अब इन चारों योग के बारे में विस्‍तार में जानते हैं.

राज योग क्‍या होता है – Raj yoga

राज योग को अष्टांग योग भी कहते हैं. इसमें आठ अंग है जो इस प्रकार है: यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण, एकाग्रता और समाधि. इस योग में आसन योग को अधिक स्थान दिया जाता है क्योंकि यह क्रिया राज योग की प्राथमिक क्रिया होने के साथ – साथ सरल भी है. यह एक ऐसा योग है, जिसमें कोई धार्मिक प्रक्रिया या मंत्र आदि नहीं है. इस योग को कहीं भी और किसी भी वक्‍त किया जा सकता है.

कर्म योग क्‍या होता है –

‘कर्म’ शब्द का अर्थ होता है “क्रिया यानि‍ काम करना”. कोई भी मानसिक या शारीरिक क्रिया कर्म कहलाता है. कर्म योग में सेवा भाव निहित है. कर्म योग के अनुरूप आज वक्‍त में जो हम पा रहे है जो हमें मिला है वह हमारे भूतकाल के कर्मो का ही फल है, इसलिए यदि एक मनुष्‍य अपने भविष्य को अच्छा बनाना चाहता है तो उसे वर्तमान समय में ऐसे कर्म करने होंगे. जिससे भविष्य काल शुभ फल प्रदान करने वाला बने. कर्म योग खुद के कार्य पूर्ण करने से नहीं बल्कि दूसरों की सेवा करने से बनता है. साथ ही जो कुछ भी हम करते, कहते या फिर सोचते हैं, उसका प्रभाव हमारे जीवन पर ही पड़ता है.

भक्ति योग क्‍या होता है – Bhakti yoga

भक्ति का अर्थ होता है, प्रेम और ईश्वर के प्रति निष्ठा, सृष्टि के प्रति प्रेम और निष्ठा, सभी प्राणियों के प्रति सम्मान और उनका संरक्षण करना. भक्तियोग का अभ्यास हर कोई कर सकता है, फिर वो चाहे छोटा हो या बड़ा व्‍यक्ति. चाहे फिर वो किसी भी धर्म का व्‍यक्ति क्‍यों न हो. भक्ति योग का मार्ग हमें अपने उद्देश्य की ओर सीधा और सुरक्षित पहुंचाने में मदद करता है. दूसरे शब्‍दों में कहा जाए तो भक्ति योग उस परमेश्वर इकाई की और ध्यान केन्द्रित करने का वर्णन करता है जो इस संसार के रचियता है.

ज्ञान योग क्‍या होता है – gyan yoga

ज्ञान योग सबसे कठिन योग है जिसमें बुद्धि को विकसित किया जाता है. ज्ञान योग का मुख्य कार्य जातक को ग्रंथों के अध्ययन द्वारा और मौखिक रूप से बुद्धि को ज्ञान के मार्ग की और अग्रसर करना है. ज्ञान योग वह मार्ग है जहां अन्तर्दृष्टि, अभ्यास और परिचय के माध्यम से वास्तविकता की खोज की जाती है.

योग के लाभ – (benfits of yoga)

  1. नियमित रुप से योग करने से शरीर के सभी अंग सुचारु रूप से कार्य करते हैं.
  2. योग से सम्पूर्ण शरीर को व्यायाम मिलता है.
  3. रोजाना योग करने वाला व्यक्ति बुरी लत और बुरी संगतों से दूर रहता है.
  4. योग की विभिन्न क्रियाएँ अलग-अलग रूप से शरीर को बाहर से सुन्‍दर और अन्दर से स्वस्थ करती है.
  5. मानसिक समस्‍याएं जैसे: चिंता, तनाव व नकारात्मक विचार ये सभी योग द्वारा दूर की जा सकती है. योग शरीर को ऊर्जावान बनाने के साथ-साथ बुद्धि को बल भी प्रदान करता है.
  6. योग के कई आसन ऐसे भी होते हैं, जो किसी परेशानीग्रस्त हिस्से को ठीक कर देते हैं, लेकिन ऐसे आसन आप योग विशेषज्ञ की सलाह और देखरेख में ही करें.
  7. प्राणायाम योग का ही एक अंग है जिसके द्वारा मानव शरीर के लीवर, पेट, फेफड़े, ह्रदय, गुर्दे आदि आन्तरिक अंगों को उपयुक्त मात्रा में ओक्सिजन मिलती है जिससे लम्बे समय तक यह अंग स्वस्थ रहते है.
  8. योग और ध्यान आपके अंतर्ज्ञान की शक्ति को सुधारता हैं. जिससे आपको यह पता चलता हैं कि क्या, कब, कहां, कैसे करना हैं. जिससे आपको सकारात्मक परिणाम मिले.
  9. सूर्य नमस्कार और कपालभाति जैसे प्राणायाम योग करने से आप शरीर के वजन को भी कम कर सकते हैं.