Essay on Social Media in Hindi : सोशल मीडिया एक ऐसा नाम जो आज बच्चा-बच्चा जानता है. सोशल मीडिया बाकी सारे मीडिया से अलग है. अगर हम मीडिया की बात करें तो कई तरह की मीडिया सामने आती हैं जैसे कि प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समानांतर मीडिया. इंटरनेट को माध्यम बनाकर सोशल मीडिया से एक ऐसा वर्चुअल वर्ल्ड बन जाता है जिससे एक व्यक्ति किसी भी प्लेटफार्म जैसे फेसबुक या फिर ट्विटर या फिर इंस्टाग्राम आदि का उपयोग कर पूरे संसार में कहीं तक भी अपनी पहुंच बना सकता है. अनुमानित तौर पर देखा जाए तो हर दूसरा व्यक्ति आज सोशल मीडिया के किसी ना किसी प्लेटफार्म पर रहता है. सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का एक बहुत ही हिस्सा बन चुका है. वैसे तो सोशल मीडिया के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन उनमें से जो मुख्य है वह है सूचनाओं का आदान प्रदान करना, मनोरंजन करना और शिक्षा प्राप्त करना.

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चलिए जानते हैं कि सोशल मीडिया आखिरकार है क्या?
साधारण भाषा में कहा जाए तो सोशल मीडिया एक परंपरागत मीडिया है जिनसे अंग्रेजी भाषा में non-traditional मीडिया भी कहते हैं. आपने सुना होगा कि दुनिया बहुत छोटी सी है लेकिन सोशल मीडिया नेटवर्क ने इस बात को सच बना दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक व्यक्ति संसार में बैठे किसी भी व्यक्ति से बात कर सकता है और अपनी सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकता है. संसार को जोड़े रखने में सोशल मीडिया एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है जहां आप पूरे संसार से जुड़ी बातें और खबरें एक साथ एक समय पर जान सकते हैं और दूसरों से इन सब घटनाओं के बारे में बात कर सकते हैं और अपने विचारों को एक दूसरे के साथ साझा कर सकते हैं या बाट सकते हैं.
जैसे-जैसे टेक्नोलोजी बढ़ती जा रही है उसी के साथ साथ सोशल मीडिया का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है. सोशल मीडिया के माध्यम से अब व्यक्ति सिर्फ अपने विचार व्यक्त नहीं करता बल्कि किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बना सकता है. अगर पिछले वर्षों में देखा जाए तो सोशल मीडिया की वजह से ऐसे बहुत विकासात्मक कार्य हुए हैं जिनकी वजह से लोकतंत्र को और ज्यादा समृद्ध बनने में मदद मिली है और देश की एकता और अखंडता और समाजवादी गुणों में भी अभीवृद्धि हुई है.
अब आप सोच रहे होंगे कि यह सब कैसे हो सकता है? तो चलिए आपको एक उदाहरण देते हैं. अभी थोड़े टाइम पहले सोशल मीडिया पर ‘INDIA AGAINST CORRUPTION’ नाम का अभियान शुरू हुआ था जो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले व्यक्तियों को इकट्ठा करने के लिए था. इस अभियान में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़ गया और फिर इसका प्रभाव पूरे देश के विकास पर दिखा.
बल्कि अब तो चुनाव होने से पहले भी लोग सोशल मीडिया पर अपनी राय और अपने विचार एक दूसरे के साथ व्यक्त करते हैं और सही और गलत सूचना में फर्क भी दिखाते हैं. कई बार ऐसा होता है कि चुनाव आने से पहले लोगों के बीच में गलतफहमी या डालने के लिए गलत सूचनाओं का सहारा लिया जाता है लेकिन सोशल मीडिया की वजह से अब इस तरह की गतिविधियों पर भी रोक लग गई है. लोग अब सही और सच सूचना को जानने और आदान प्रदान करने में यकीन रखते हैं इतना ही नहीं अगर कभी कुछ गलत सूचना आती है तो उसका जमकर विरोध भी किया जाता है.
दैनिक जीवन पर सोशल मीडिया के प्रभाव और दुष्प्रभाव
सोशल मीडिया जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन तो गया है लेकिन इसके अच्छे प्रभाव के साथ साथ दुष्प्रभाव भी है. आइए जानते हैं सोशल मीडिया के प्रभाव और दुष्प्रभावों के बारे में:
दैनिक जीवन में सोशल मीडिया का प्रभाव
- यह बहुत तेज गति से होने वाला संचार का माध्यम है
- यह जानकारी को एक ही जगह इकट्ठा करता है
- सरलता से समाचार प्रदान करता है
- सभी वर्गों के लिए है, जैसे कि शिक्षित वर्ग हो या अशिक्षित वर्ग
- यहां किसी प्रकार से कोई भी व्यक्ति किसी भी कंटेंट का मालिक नहीं होता है।
- फोटो, वीडियो, सूचना, डॉक्यूमेंटस आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है
सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव
- यह बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है जिनमें से बहुत सी जानकारी भ्रामक भी होती है।
- जानकारी को किसी भी प्रकार से तोड़-मरोड़कर पेश किया जा सकता है।
- किसी भी जानकारी का स्वरूप बदलकर वह उकसावे वाली बनाई जा सकती है जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता।
- यहां कंटेंट का कोई मालिक न होने से मूल स्रोत का अभाव होना।
- प्राइवेसी पूर्णत: भंग हो जाती है।
- फोटो या वीडियो की एडिटिंग करके भ्रम फैला सकते हैं जिनके व्दारा कभी-कभी दंगे जैसी आशंका भी उत्पन्न हो जाती है।
- सायबर अपराध सोशल मीडिया से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है।
आखिरकार बस हम इतना ही कह सकते हैं कि हर एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार सोशल मीडिया के भी अपने प्रभाव और दुष्प्रभाव हैं. हालांकि यह सच है कि सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है और हमें जानकारी प्राप्त करने में बहुत मदद करता है लेकिन फिर भी हमें इसका आदी नहीं होना चाहिए. आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी केकिसी भी चीज का बेहद इस्तेमाल करना दुष्परिणाम की ओर ले जाता है. इसलिए जरूरी है कि हमसोशल मीडिया के उपयोग को भी एक सीमा तक ही रखें और उसे अपनी जिंदगी पर इतना हावी ना होने दें कि वह हमारी सोचने और समझने की शक्ति को भी अपने वश में कर ले!