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मेरा विद्यालय पर निबंध / Essay on My School in hindi

Essay on My School in hindi
Essay on My School in hindi

Essay on My School in hindi : आज हमने इस लेख के माध्यम से आप सबके समक्ष मेरा प्रिय विद्यालय पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत किया है। हमने इस निबंध के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया है , कि शिक्षा हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है?

Essay on My School in hindi

Essay on My School in hindi


प्रस्तावन :-

यदि हम विद्यालय शब्द का हिंदी में संधि विच्छेद करें तो विद्या+आलय होता है। जिसका पूरा अर्थ यह निकलता है , कि विद्यालय ज्ञान का घर होता है। इस ज्ञान के घर में सभी धर्म एवं जाति के लोग एक साथ मिलकर ज्ञान प्राप्त करते हैं। इस घर में किसी भी प्रकार का ऊंच-नीच एवं जाति-धर्म का दुर्व्यवहार नहीं किया जाता इस विद्यालय में सब एक समान होते हैं। जिस नगर एवं क्षेत्र में हम रहते हैं , यहां पर कई विद्यालय मौजूद हैं। मैं ऋषि कुल एकेडमी का छात्र हूं। मेरा विद्यालय 12वीं तक है। मैं जिस क्षेत्र में रहता हूं , विद्यालय से घर का रास्ता पक्की सड़क से होकर गुजरता है।

मेरे विद्यालय की इमारतें एवं स्कूल के सभी अध्यापक :-

मेरा विद्यालय तीन मंजिला है। मेरे विद्यालय के अंदर बहुत से ऐसे बगीचे हैं , जहां पर हम लंच करने के बाद आराम से बैठकर कुछ समय पढ़ाई भी कर सकते हैं। हमारे इस विद्यालय में सभी प्रकार की सुविधाएं हैं , जो एक छात्र एवं छात्राओं के लिए जरूरी होती हैं। हमारे विद्यालय में कुल 15 कमरे एवं दो हॉल मौजूद हैं। मेरे विद्यालय की सभी 15 कमरों में अलग-अलग कक्षाओं के विद्यार्थी पढ़ते हैं। हमारे विद्यालय के एक हॉल में हम प्रार्थना करते हैं। एवं दूसरे हॉल में सभी प्रकार के कार्यक्रम एवं कुछ आवश्यक सूचनाएं विद्यार्थियों को बुलाकर प्रदान की जाती है। हमारे विद्यालय में एक हरा भरा मैदान भी है , जहां पर सभी विद्यार्थी खेलते हैं एवं व्यायाम आदि करते हैं। हमारे विद्यालय में कुल 1000 विद्यार्थी पढ़ते हैं , जिनको शिक्षा प्रदान करने के लिए कुल 35 अध्यापक एवं अध्यापिका ने मौजूद है। इसके अतिरिक्त हमारे विद्यालय में एक प्रधानाचार्य एवं दो चपरासी मौजूद हैं। हमारे विद्यालय में मौजूद सभी अध्यापक एवं अध्यापिकाएं हमारे सभी विद्यार्थी भाइयों को हर सहयोग से मार्गदर्शन प्रधान करते रहते हैं।

मेरे विद्यालय का अनुशासन :-

हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बहुत कठोर एवं सभी विद्यार्थियों के लिए सामान्य अनुशासन बनाया है। विद्यालय के सभी अनुशासन का पालन करना हमारे विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है। हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक समय से पहले ही विद्यालय में आकर मौजूद रहते हैं। छुट्टी होने के पश्चात सभी बच्चों को अपने स्कूल से विदा कर लेने के बाद ही वह अपने घर के लिए निकलते हैं। हमारे स्कूल में मौजूद सभी अध्यापक एवं अध्यापिकाएं अपने विद्यार्थियों को अनुशासन पूर्वक ज्ञान प्रदान करते हैं। यही कारण है , कि हमारे विद्यालय का परीक्षा परिणाम बहुत ही अच्छा रहता है। हमारे विद्यालय में सभी विद्यार्थी कभी भी विद्यालय को छोड़कर बाहर नहीं जाते हैं। क्योंकि उनकी जरूरतों को हमारे विद्यालय में मौजूद अध्यापक समझते हैं एवं उसको पूरा भी करते हैं।

विद्यालय में अनेकों प्रकार की गतिविधियां :-

हमारे विद्यालय के अंदर अध्ययन के अतिरिक्त कई अन्य ऐसे अतिरिक्त गतिविधियां भी होती हैं , जिनसे विद्यार्थियों की बुद्धि भी विकास करती है। हमारे विद्यालय में कई अन्य प्रतियोगिताएं भी होती हैं , जिसमें विद्यार्थी भाग लेकर अपने खेल एवं अन्य कौशल को बढ़ाता है। हमारे विद्यालय में सभी प्रकार के राष्ट्रीय पर्व को मनाया जाता है और हम सभी विद्यार्थी लोग राष्ट्रीय पर्व को धूमधाम से मनाने में अपने अध्यापकों का भी सहयोग लेते हैं एवं उनको देते भी हैं। हमारे विद्यालय में वार्षिक उत्सव भी मनाया जाता है , जिसमें प्रतियोगी विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित भी किए जाते हैं।

उपसंहार :-

सभी प्रकार के विद्यालय एक सार्वजनिक संपत्ति होती है। यह हमारे देश की राष्ट्रीय निधि भी है। इसलिए हमें अपने विद्यालय की रक्षा करनी चाहिए एवं इसके प्रति हमें सदैव जागरूक रहना चाहिए। विद्यालय में केवल पुस्तक की अध्ययन नहीं किया जाता इसमें हर एक प्रकार के ज्ञान को विद्यार्थियों के साथ साझा किया जाता है। विद्यालय के जरिए ही विद्यार्थी खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। हम सभी विद्यार्थियों को ज्ञान की इस घर को सदैव स्वस्थ एवं सम्मानजनक रूप से रखना चाहिए। इतना ही नहीं विद्यार्थियों को इस घर का सही प्रयोग करके अपने भविष्य को बनाना चाहिए। इन्हीं चंद शब्दों के साथ अपने इस निबंध को हम यहीं पर समाप्त करते हैं , धन्यवाद!