Essay on Football in Hindi : जिस तरह हमारे शरीर के मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए पढ़ाई करना जरूरी होता है, उसी प्रकार हमारे शरीर को बाहर से स्वस्थ रखने के लिए खेलना कूदना भी बहुत जरूरी है। आज के समय मे आप खेल कूद में रुचि लगाकर भी प्रसिद्ध हो सकते हो, जैसे विराट, सचिन आदि। तो ऐसे में खेल कूद मानव जीवन का ही एक हिस्सा है।
खेल कूद के बिना मानव जीवन सुना सुना लगता है, इसलिए आज के टाइम में हमारे देश मे सभी प्रकार के खेलों को बराबर महत्व दिया गया है, और फुटबॉल उन सब खेलो में से एक जिसको बड़े लेवल पर खेला जाता है फुटबॉल रूस का राष्ट्रीय खेल है, और साथ ही ये भारत का एक लोकप्रिय खेल भी है, भारत के बंगाल राज्य में इस खेल को सबसे ज्यादा खेला जाता है।

Essay on Football in Hindi
- Top 20+ Motivational framed quotes
ये भी पढ़े ⇓
फुटबॉल खेल का इतिहास –
फुटबॉल एक बहुत ही पुराना खेल है, फीफा के अनुसार फुटबॉल की उत्पत्ति चाइना से हुई थी और इसके अलावा और रोमन देश में भी फुटबॉल को बहुत खेला जाता था। और हर्पस्तम फुटबॉल का दूसरा नाम है। लगभग 19 वी शताब्दी में फुटबॉल को इंग्लैंड की स्कूलों में खेले जाने लगा था, फुटबॉल खेल को खेलने के नियम सबसे पहले रूल कैंब्रिज विश्वविद्यालय में तैयार किये गए थे। वर्तमान में नियम द फुटबॉल एसोसिएशन (फुटबॉल संघ) के द्वारा 1863 में बनाये गए लॉज़ ऑफ द गेम (खेल के कानून) के आधार पर बनाए गए है। फुटबॉल को ज्यादा लोकप्रिय बनाने के लिए 1904 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संस्था का निर्माण किया गया था।
फुटबॉल खेलने की प्रक्रिया –
फुटबॉल खेल को खेलने के लिए फुटबॉल गेंद की जरूरत होती है और उसके साथ एक बड़े घास के मैदान की भी जरूरत पड़ती है। और फिर सफेद रेखाओं की मदद से मैदान को 2 भागो में बंटा जाता है। इसके बाद दोनों टीमो के मध्य टॉस किया जाता है जो टीम टॉस जीतती है वही पहले खेल को शुरू करती है।
दोनों टीमो के मैदान में एक गोल कीपर, दो हॉफ बैक, चार बैक, एक बांया (लेफ्ट) आउट, एक दांया (राइट) आउट और दो केन्द्रीय (सेंटर) फॉरवर्ड खिलाड़ी होते है। मैच शुरू होते समय बोल को बीच मे रखा जाता है और टॉस जितने वाली टीम उस बोल को जोर से किक मारती है।
फिर पैरो से किक मरते हुए बोल को एक से दूसरे खिलाड़ी तक पहुचाते हुए बॉल को गोलपोस्ट तक पहुचाया जाता है, बॉल गोलपोस्ट में पहुंचते ही गोल हो जाता है जो टीम सबसे ज्यादा गोल करती है वह इस मैच को जीत जाती है।
फुटबॉल खेल के नियम –
फुटबॉल खेलते समय इन सभी नियमो का ध्यान रखा जाता है।
(1) खेल मैदान को लंबाई 100 गज या 130 गज से ज्यादा होती है और चौड़ाई 50 गज या 100 गज से ज्यादा होती है।
(2) अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच के समय मैदान की लंबाई 120 गज से ज्यादा होती है और चौड़ाई 80 गज से ज्यादा होती है।
(3) मैदान को दो भागों में बंटा जाता है और दो गोलपोस्ट बनाये जाते है।
(4) गोल पोस्ट से 6 गज की दूरी पर अर्ध गोलाकार रेखा होती है.
(5) फुटबॉल बॉल का आकार 27 इंच से अधिक नहीं होता है.
(6) फुटबॉल बॉल का वजन 14 औस से 16 औस के बीच मे होता है.
(7) इस खेल में दो निर्णायक और दो कप्तान होते है.
(8) फुटबॉल खेलने के लिए दोनों टीमो में 11 – 11 खिलाड़ी होते है, पर कम से कम 7 खिलाड़ी एक टीम में होने आवश्यक है।
(9) इस खेल में 45-45 मिनट के दो राउंड होते है इनके बीच मे 15 मिनट का ब्रेक होता है.
(10) फुटबॉल बॉल को गोलकीपर के अलावा कोई भी खिलाड़ी हाथ नहीं लगा सकता है.
(11) एक गोल होने के बाद बॉल को फिर मैदान के बीच मे रखा जाता है और किक किया जाता है।
(12) दोनों टीमो के कपड़े अलग अलग रंगों के होते है जिससे टीम को पहचानने में आसानी होती है और गोलकीपर के कपड़े सबसे अलग होते है।
(13) स्कूप, पेनल्टी, किक, थ्रो-इन, ऑफ साइड, टच डाउन, स्ट्रापर, ड्रापकिक यह सब फुटबॉल खेल की शब्दावलीयां है जिनको एक फुटबॉल प्लेयर अच्छी तरह से जानता है।
फुटबॉल के प्रसिद्ध खिलाड़ी –
फुटबॉल खेल खेलने वाले प्रसिद्ध खिलाड़ियों के नाम कुछ इस प्रकार से है। अरुण घोष, मेवालाल, मनजीत सिंह, वाइचिंग भूटिया, पी.के. बनर्जी, श्याम थापा, प्रशांत बैनर्जी, शाबिर अली, पेले, चुन्नी गोस्वामी, चन्दन सिंह, इंद्र सिंह, जरनैल सिंह इत्यादि है.
उपसंहार –
खेल चाहे कौनसा भी हो हमे खेलना चाहिए क्योंकि खेल हमे जीवन जीने का तरीका सिखाते है और साथ ही खेल खुद हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक होते है और इसके साथ खेल हमारे जीवन के लिये बहुत लाभगदायक होते है।
आज के कंप्यूटर युग में हर कोई व्यक्ति बस कंप्यूटर गेम्स को ही खेलता है, लोगो ने शारीरिक खेलो को खेलना बंद सा कर दिया पर ऐसा नही करना चाहिए, कंप्यूटर गेम्स हमारे शरीर के लिए ज्यादा लाभगदायक नही होते है। ऐसे में हमे ज्यादा से ज्यादा शारीरिक खेलो को खेलना चाहिए।