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अप्रैल फूल दिवस इतिहास, जानिए क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल डे ? April Fool Day History in Hindi

अप्रैल फूल दिवस इतिहास, जानिए क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल डे ? April Fool Day History in Hindi

April Fool Day History in Hindi : 1 अप्रैल को दुनियाभर में अप्रैल फूल्स डे के तौर पर मनाया जाता है, जिसे ऑल फूल्स डे भी कहा जाता है| इस दिन लोग एक दूसरे के साथ शरारत करते हैं, मजाक उड़ाते हैं और इस दिन का भरपूर मनोरंजन लेते हैं| लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस परंपरा की शुरुआत कहां से हुई?

मज़ाक और चुटकुलों से भरे इस दिन की उत्पत्ति के इतिहास के पीछे कोई प्रत्यक्ष कहानी नहीं है। हालांकि, बोहोत सारी कहानियां इसकी उत्पति के सन्दर्भ में प्रचलित हैं कि यह दिन क्यों और कैसे अस्तित्व में आया। इस दिन की सबसे बड़ी खासियत यह है की इस दिन आप किसी के साथ अगर मजाक करेंगे तो कोई आपके मजाक का बुरा नहीं मानता|

अप्रैल फूल दिवस का इतिहास – April Fool Day History

चॉसर की किताब ‘केंटरबरी टेल्स’ में भी अप्रैल फूल का वर्णन पाया जाता है| इसमें लिखा है १३ सदी में इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी ऐनी की सगाई की तारीख ३२ मार्च को तयकर उसकी घोषणा कर दी गई जिसे लोगो ने सच भी मान लिया| तब से ३२ मार्च यानि 1अप्रैल को अप्रैल फूल के दिन के रूप में मनाया जाता है|

क्यों 1st april को अप्रैल फूल डे कहा जाता है?

कहा जाता है की रोमन लोग अपने नए साल की शुरुआत अप्रैल से करते थे जबकि मध्यकालीन यूरोप में तो २५ अप्रैल को नए साल की ख़ुशी में उत्सव तक मनाया जाता था| कुछ इतिहासकारों का तो यह भी मानना है कि अप्रैल फूल की प्रथा फ्रांस में शुरू हुई थी, हालांकि कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है। 1582 में पोप ग्रेगरी अष्ठम ने ग्रेगेरियन कैलेंडर की घोषणा की और 1 जनवरी को नए साल के रूप में चिह्नित किया गया। जो लोग नए कैलेंडर का पालन नहीं करते थे, और 1 अप्रैल के माध्यम से मार्च के अंतिम सप्ताह में नए साल का जश्न मनाते थे, वे चुटकुले और मज़ाक का पात्र बनते थे, जो परंपरा आज भी जारी है|

कईं इतिहासकारों ने तो अप्रैल फूल दिवस को हिलेरिया जैसे त्योहारों से भी जोड़ा है, जो कि मार्च के अंत में प्राचीन रोम में मनाया जाता था और इसमें लोगों भेस बदल कर एक दूसरे की नक़ल करते हैं।

दुनिया भर में अप्रैल फूल दिवस मनाये जाने के ढंग

अप्रैल फूल दिवस मनाने का विचार दुनिया भर में एक समान है, लेकिन एक देश से दूसरे तक इसे मनाने में भिन्नताएं हैं। उदाहरण के लिए, फ्रांस में लोगों की पीठ पर मछली के चित्र (आमतौर पर बच्चों के लिए एक गतिविधि) लगाकर मनाया जाता है, जबकि इग्लैंड और कनाडा में में लोग केवल दोपहर तक ही शरारत करते हैं। भारत में भी इस दिन पर अनौपचारिक छुट्टी फैल गई है, जहां बच्चे अपने दोस्तों को उल्लू बनाना पसंद पसंद करते हैं और अपनी शरारतों का खुलासा “अप्रैल फूल” चिल्ला कर करते हैं|

ग्रीस में अप्रैल फूल्स की प्रैंक्स से संभंधित कई मान्यताएं हैं, पहला यह है कि इस दिन अगर आप किसी को मुर्ख बनाते है, तो आपकी किस्मत पूरा साल चमकेगी| अन्य धारणाएं यह भी हैं कि एक सफल चालबाज पूरे एक साल तक अच्छी फसल का आनंद लेते हैं , और 1 अप्रैल को होने वाली बारिश के पानी में उपचार करने की क्षमता होती है|

अप्रैल फूल डे पर किये गए कुछ यादगार प्रैंक्स

सन 1976 में, बीबीसी ने घोषणा कर दी उस दिन पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण एक निश्चित स्तर से कम हो जाएगा और जो कोई भी हवा में उछलेगा वह हल्के से हवा में तैरने लगेगा! जिन लोगों ने तारीख पर ध्यान नहीं दिया, वे शायद यह महसूस करने के लिए कूद पड़े|

एक यात्रा साइट ने पहली बार अप्रैल में घोषणा कर दी कि वह एक सिमित अवधि के लिए मंगल ग्रह की यात्रा की पेशकश कर रहें हैं| गुस्से में लाल ग्रह की यह यात्रा बोहोत आकर्षक है, और कुछ लोगों ने इसे सच मान लिया|

जीमेल पहली बार 1 अप्रैल 2004 को लॉन्च किया गया था। इसकी सेवाओं को अप्रैल फूल दिवस के रूप में व्यापक रूप से माना गया था।

2002 में, नासा ने अप्रैल फूल डे पर चंद्रमा की एक तस्वीर पोस्ट की, जिससे नासा ने साबित किया कि चन्द्रमा पनीर से बना था और यहां तक ​​कि उसकी एक समाप्ति तिथि भी शामिल थी।

2008 में बीबीसी ने अपनी श्रृंखला “मिरेकल्स ऑफ़ इवोल्यूशन” के लिए कहानी के हिस्से के रूप में फ्लाइंग पेंगुइन का एक वीडियो क्लिप चलाया। इस क्लिप में प्रस्तुतकर्ता द्वारा बताया गया कि कैसे पेंगुइन दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में उड़ान भरकर ठंड, कठोर अंटार्कटिक मौसम से बच गए। कई लोगों ने इसे सच ही मान लिया|

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